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Uttarakhand: रेलवे पटरी पर अजगर समझकर लगाया इमरजेंसी ब्रेक, उतरकर देखा तो उड़ गए होश

Doon Naini Janshatabdi Express दून-नैनी जनशताब्दी एक्सप्रेस के लोको पायलट राजेश गौड़ ने रुद्रपुर के पास पटरी पर रखे लोहे के पोल को देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर सैकड़ों यात्रियों की जान बचाई। सैकड़ों यात्रियों की जान बचाने वाले लोको पायलट गदरपुर के रहने वाले हैं।उन्होंने ब्रेक मारे तो ट्रेन का इंजन व कोच अपनी जगह पर थम गए। ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी।

By Deep belwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 20 Sep 2024 02:56 PM (IST)
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Doon Naini Janshatabdi Express: इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बचाई सैकड़ों यात्रियों की जान। जागरण

दीप बेलवाल, जागरण  हल्द्वानी। Doon Naini Janshatabdi Express: दून-नैनी जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक लगाकर सैकड़ों यात्रियों की जान बचाने वाले लोको पायलट राजेश गौड़ गदरपुर के रहने वाले हैं। फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि मुरादाबाद से बिलासपुर तक ट्रेन 110 की स्पीड से दौड़ रही थी।

रुद्रपुर में एंट्री सिग्नल होम पर पहुंचते ही मैंने ट्रेन की स्पीड 50 कर दी थी, क्योंकि रुद्रपुर का रेलवे स्टेशन आने वाला था। ट्रेन की हेडलाइट अच्छी थी और दूर तक आसानी से दिख रहा था। रुद्रपुर से दो किलोमीटर पहले मुझे लगा कि पटरी पर अजगर लेटा हुआ है। उसी की जान बचाने के लिए मैंने इमरजेंसी ब्रेक लगाए।

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मेरे सहायक पायलट अमित कुमार उसे हटाने पहुंचे तो पता चला पटरी पर अजगर नहीं, बल्कि लोहे का पोल रखा हुआ है। राजेश गौड़ के अनुसार, वह अक्सर रानीखेत एक्सप्रेस, जनशताब्दी, लालकुआं व मुरादाबाद पैसेंजर ट्रेन को लेकर निकलते हैं। बुधवार रात जनशताब्दी ट्रेन देहरादून से मुरादाबाद पहुंची थी।

लगातार 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी ट्रेन

मुरादाबाद से वह ट्रेन के लोको पायलट बने और ट्रेन को लेकर काठगोदाम के लिए रवाना हो गए थे। राजेश ने बताया कि बिलासपुर तक ट्रेन लगातार 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी। बिलासपुर को पार करने के बाद जंगल में पुल का काम चल रहा है। इसलिए ट्रेन की गति धीमी की गई थी।

ट्रेन रुद्रपुर की ओर बढ़ रही थी। रुद्रपुर पहुंचने से पहले रास्ते में पटरी पर लकड़ी जैसा कुछ नजर आया। मैंने समझा कि पटरी पर अजगर लेटा हुआ है, जिसकी जान बचानी चाहिए। इसलिए इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए।

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ट्रेन के रुकते ही मैंने सहायक पायलट अमित कुमार यादव से कहा कि पटरी पर अजगर है। उसे लकड़ी से भगाकर चले आओ। अमित ने देखा तो पटरी पर लोहे का पोल था। उसने मुझे बताया। हमने इसे हटाया और ट्रेन लेकर आगे बढ़े। इसी बीच रेलवे के अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत करा दिया था। अगर ट्रेन की हेडलाइट अच्छी नहीं होती तो खतरा भी हो सकता था।

इमरजेंसी ब्रेक मारने पर नहीं होते हादसे

अधिकांश लोगों को लगता है कि इमरजेंसी ब्रेक मारने से ट्रेन पलट सकती है या हादसा हो सकता है। जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट राजेश का कहना है कि इमरजेंसी ब्रेक मारने से कोई बड़ा खतरा नहीं होता है। बुधवार को जब उन्होंने ब्रेक मारे ट्रेन का इंजन व कोच अपनी जगह पर थम गए थे।

पटरी पर सोए कई व्यक्ति की जान बचा चुके हैं राजेश

राजेश गौड़ बताते हैं कि कई बार ऐसे मौके भी आए हैं, जब पटरी पर सोए व्यक्ति की जान बचाने के लिए इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़े हैं। कुछ साल पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश में पटरी पर सोए व्यक्ति की जान बचाई थी। इसी तरह एक बार मवेशियों का झुंड आगे आ गया था। सूझबूझ का परिचय देकर उन्हें बचाया गया।

12 कोच लेकर आ रही थी ट्रेन

ट्रेन देहरादून से काठगोदाम 12 कोच लेकर आ रही थी। एक कोच में 72 यात्रियों के बैठने की सीटें थीं।

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