चिकित्सा शिक्षा सचिव व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को अवमानना नोटिस, पढि़ए हाई कोर्ट की खबरें
हाई कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा सचिव नितेश कुमार झा व वीरचंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत को अवमानना नोटिस जारी किया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 27 Mar 2019 10:01 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा सचिव नितेश कुमार झा व वीरचंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत को अवमानना नोटिस जारी किया है।
मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में पौड़ी गढ़वाल निवासी हिमानी चौहान व 22 अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट ने पिछले साल 18 दिसंबर को आदेश पारित कर छह सप्ताह के भीतर समान कार्य के लिए समान न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश दिए थे, मगर इसके बाद भी उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया गया। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, वे वीरचंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज में 10 जनवरी 2010 को एक्स-रे टेक्नीशियन के पद पर नियुक्त हुए थे। नौ साल बीत जाने के बाद भी न्यूनतम वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद सचिव चिकित्सा शिक्षा, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज को अवमानना नोटिस जारी किया। यहां उल्लेखनीय है कि चिकित्सा शिक्षा सचिव व मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को अन्य कार्मिकों को न्यूनतम वेतनमान नहीं देने के मामले में भी अवमानना नोटिस जारी किया जा चुका है।
स्टिंग मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को
नैनीताल : हाई कोर्ट ने न्यूज चैनल के संचालक उमेश शर्मा के खिलाफ स्टिंग मामले में दर्ज रिपोर्ट निरस्त करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 23 अप्रैल नियत की है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने कोर्ट से 23 अप्रैल की तिथि मांगी। पूर्व में इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार, आयुष गौड़, वीरेंद्र रावत, संजय गुप्ता, एसएसपी देहरादून व जांच अधिकारी अरविंद कुमार को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। यह स्टिंग मामला खासा चर्चा में रहा था।
प्रत्यावेदन पर आठ सप्ताह में निर्णय लेने के निर्देश
नैनीताल : हाई कोर्ट ने राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय बानना नैनीताल में नियुक्ति के संबंध में याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन पर सीएमओ को आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में ग्राम बानना निवासी ललित मोहन की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अनुसार अस्पताल निर्माण के लिए उनके दादा ने चिकित्सा विभाग को 26 नाली भूमि दान में दी थी। याचिकाकर्ता ने विभाग में ग्रुप सी या डी में समायोजित करते हुए नौकरी देने के लिए आवेदन दिया था। 30 मई 2017 को डीजी हेल्थ ने इस प्रकरण पर विचार करने के निर्देश भी दिए थे। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन पर आठ सप्ताह में निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।
सहायक निदेशक समाज कल्याण एनके शर्मा को नोटिसनैनीताल : हाई कोर्ट ने सहायक निदेशक समाज कल्याण एनके शर्मा को नोटिस जारी करने के साथ ही सतर्कता विभाग को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति नारायण सिंह धानिक की खंडपीठ में देहरादून निवासी एसके सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने सहायक निदेशक समाज कल्याण के विभाग में किए गए भ्रष्टïाचार की शिकायत मुख्य सचिव से की थी। तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री ने शर्मा पर लगे आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाई, मगर शर्मा ने पद का दुरूपयोग कर जांच आगे नहीं बढऩे दी। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद शर्मा को नोटिस जारी किया। साथ ही सतर्कता विभाग को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
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