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Ramnagar: कार्बेट प्रशासन ने बाघों की सुरक्षा संग रोजगार के खोले अवसर, शहद व सोविनियर उत्पाद से हो चुकी ढाई लाख की आय

कार्बेट पार्क से सटे दर्जनों गांव है। जंगलों से घास व लकड़ी की निर्भरता कम करने के लिए कार्बेट प्रशासन ने गांव की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की योजना तैयार की थी। कार्बेट के गेट पर चार नेचर शाप भी स्थानीय लोगों को दी गई है। जिनसे गांव के लोगों को रोजगार मिला हुआ है। फसल सुरक्षा के लिए बी हाइव फेसिंग के जरिये मधुमक्खी पालन कराया जा रहा।

By trilok rawat Edited By: riya.pandey Updated: Sat, 06 Jan 2024 04:45 PM (IST)
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कार्बेट प्रशासन ने बाघों की सुरक्षा संग रोजगार के खोले अवसर
त्रिलोक रावत, रामनगर। Corbett Park: बाघों की सुरक्षा के साथ ही कार्बेट पार्क स्थानीय महिलाओं के लिए अलग-अलग कार्यों के जरिए रोजगार सृजन के द्वार भी खोल रहा है। रोजगार मिलने से ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं। महिलाओं द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पाद अधिक से अधिक बिके इसके लिए विभाग उन्हें कार्बेट के ब्रांड से बेच रहा है।

कार्बेट प्रशासन रोजगार में आगे बढ़ाने के लिए मदद कर रहा है। करीब 50 महिलाओं को ऐपण, अगरबत्ती, धूप, मधुमक्खी पालन, मोमबत्ती का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आगे भी कार्बेट प्रशासन की योजनाएं ग्रामीण महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की है।

कार्बेट पार्क से सटे दर्जनों गांव है। जंगलों से घास व लकड़ी की निर्भरता कम करने के लिए कार्बेट प्रशासन ने गांव की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की योजना तैयार की थी। कार्बेट के गेट पर चार नेचर शाप भी स्थानीय लोगों को दी गई है। जिनसे गांव के लोगों को रोजगार मिला हुआ है। गांव में फसल सुरक्षा के लिए बी हाइव फेसिंग के जरिये मधुमक्खी पालन कराया जा रहा है।

सोविनियर उत्पादों की बिक्री की काफी मांग

बी हाइव फेसिंग से शहद का उत्पादन हो रहा है, जिसे कार्बेट के ब्रांड से बेचा जा रहा है। इससे 20 से अधिक परिवारों को लाभ मिल रहा है। इसके अलावा विभाग की मदद से महिलाएं सोविनियर उत्पाद (यादगार, स्मृति, चिह्न) भी तैयार कर रही है। जिसमें ऐपण कलाकृति, वन्य जीवों एवं प्राकृतिक सुंदरता के विभिन्न चित्रों की कलाकृति आदि बनाई गई है। सोविनियर उत्पादों की बिक्री की काफी मांग है।

यह सोविनियर पर्यटकों के लिए कार्बेट के गेट व नेचर शाप में बेचे जा रहे हैं। धूप, अगरबत्ती व मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण देने के बाद अब विभाग सामान भी विभाग उपलब्ध कराएगा।

राष्ट्रपति को भी दिखाया महिलाओं ने हुनर

दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में एक बड़ा कार्यक्रम हुआ था। जिसमेें कार्बेट द्वारा गांव की दो महिलाओं को भी भेजा गया था। राष्ट्रपति भवन में महिलाओं द्वारा तैयार ऐंपण आदि की भी प्रदर्शनी लगी थी।

यह है आगे की भावी योजना

कार्बेट पार्क द्वारा 25 परिवारों को बेकरी के माध्यम से स्वरोजगार से जोडऩे का लक्ष्य है। अभी 15 महिलाओं को बिस्किट बनाने का प्रशिक्षण विभाग द्वारा एक रिसार्ट की बेकरी में दिया जा चुका है। गांव में ही बेकरी के लिए जगह देख ली है।

बेकरी विभाग बिस्किट बनाने के उपकरण व सामान आदि विभाग मुहैया कराएगा। महिलाएं बिस्किट बनाएंगी। जिन्हें कार्बेट के ब्रांड के नाम से बेचेंगी। यह बिस्किट कार्बेट पार्क की कैंटीनों में बिक्री के लिए रखे जाएंगे।

सीटीआर निदेशक डॉ. धीरज पांडे के अनुसार, हम इस तरह की योजना बना रहे हैं, जिससे वन्य जीव संरक्षण के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को भी उसका लाभ मिल सके। ग्रामीण रोजगार से जुड़ेंगे तो उनमें वन्य जीवों के संरक्षण की भावना भी जागृत होगी। स्वरोजगार से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेगी।

अब तक स्वरोजगार से जुड़ी महिलाओं को ढाई लाख रुपये तक की आय प्राप्त हो चुकी है। आगे भी कुछ योजनाएं हैं, जिन पर विचार चल रहा है।

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