अगर आपने भी कार्बेट भ्रमण के लिए बुकिंग कराई है तो ध्यान दें, 'यह विभागीय वेबसाइट नहीं है'
Corbett National Park Fake Websites कॉर्बेट नेशनल पार्क की आधिकारिक वेबसाइट www.corbettgov.in है। हालांकि कई एजेंट कॉर्बेट के नाम से मिलती - जुलती वेबसाइट बनाकर पर्यटकों को धोखा दे रहे हैं। पार्क प्रशासन ने ऐसी छह वेबसाइट चिन्हित की हैं और उन्हें नोटिस जारी किए हैं। पर्यटक बुकिंग करते समय सावधानी बरतें और केवल आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें।
जासं, रामनगर। Corbett National Park Fake Websites: कार्बेट नेशनल पार्क में आनलाइन बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइट को विभाग ने चिन्हित किया है। कार्बेट के नाम का उपयोग करने वाले पहले छह वेबसाइट को नोटिस दिया जा रहा है। जिसमें उन्हें बुकिंग की पारदर्शिता के लिए स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह है बुकिंग के लिए अधिकृत वेबसाइट
कार्बेट पार्क में पर्यटकों की एडवांस आनलाइन बुकिंग के लिए अधिकृत वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.कार्बेटजीओवी.इन है। कार्बेट की वेबसाइट से मिलती जुलती कई वेबसाइट एजेंट ने बना ली है। ऐसे में पर्यटक बुकिंग करते समय सरकारी की जगह एजेंट की वेबसाइट से बुकिंग करा लेता है। जिसमें कई बार वह धोखाधड़ी का शिकार भी हो जाता है।
'यह कार्बेट की विभागीय वेबसाइट नहीं है'
कई बार पर्यटकों की शिकायत को देखते हुए इस बार विभाग ने भ्रामक वेबसाइट की निगरानी के लिए टास्क फोर्स बनाई है। टास्क फोर्स की जिम्मेदारी पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी को मिली है। पार्क वार्डन ग्वासाकोटी ने वेबसाइट चिन्हित की है। वेबसाइट संचालकों को नोटिस देकर कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइट के बाहर स्पष्ट तौर पर लिखे कि यह कार्बेट की विभागीय वेबसाइट नहीं है।
अभी छह वेबसाइट संचालकों को नोटिस दिया
कार्बेट की विभागीय वेबसाइट का नाम अपनी वेबसाइट में देना अनिवार्य है। अपनी वेबसाइट में संचालक को अपने टूर आपरेटर या ट्रिप प्लानर होने की जानकारी देनी होगी।
आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी
सीटीआर के निदेशक डा. साकेत बडोला ने बताया कि अभी छह वेबसाइट संचालकों को नोटिस दिया जा रहा है। उन्हें आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि वेबसाइट संचालक नहीं माने तो उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बुकिंग कराकर नंबर बंद कर लेते हैं टूर आपरेटर
रामनगर: कार्बेट प्रशासन को कई ऐसी शिकायतें भी मिली है। जिसमें पर्यटक ने कार्बेट की वेबसाइट समझ टूर आपरेटर की वेबसाइट में बुकिंग कराई। जब पर्यटक कार्बेट में सफारी या रहने के लिए पहुंचते हैं तो कथित टूर आपरेटर का फोन ही रिसीव नहीं होता है। ऐसे में पर्यटक खुद को ठगा महसूस करते हैं।