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भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की कोरोना से मौत, कुछ दिन पहले पत्नी ने भी तोड़ दिया था दम

उत्तराखंड के सल्ट विधानसभा से भाजपा के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का निधन हो गया है। कुछ दिन पहले ही उनकी पत्नी धरमा देवी (नेहा) का भी निधन हो गया था। दोनों कोरोना संक्रमित थे। भाजपाइयों में शोक छाया।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 12 Nov 2020 09:03 AM (IST)
भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की कोरोना से मौत, कुछ दिन पहले पत्नी ने भी तोड़ दिया था दम

अल्मोड़ा, जेएनएन : उत्तराखंड के सल्ट विधानसभा से भाजपा के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का निधन हो गया है। पत्नी के निधन के बाद वियोग में अन्न त्याग देने से विधायक की सेहत लगातार बिगड़ती चली गई। इस बीच कोरोना की गिरफ्त में आने से हालत गंभीर हो गई थी। दिल्ली के सरगंगाराम अस्पताल में गुरुवार तड़के करीब तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 

विधायक सुरेंद्र सिंह जीना (51) पुत्र प्रताप सिंह जीना का दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। 15 दिन पूर्व पत्नी धरमा देवी (नेहा) के निधन के बाद से विधायक सुरेंद्र सिंह सदमे में थे। भोजन छोड़ देने से वह अस्वस्थ हो गए थे। इसी दरमियान वह कोरोना वायरस से संक्रमित भी हो गए। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

भाजपा में छाया शोक

विधायक के निधन की खबर से भाजपाइयों में शोक की लहर दौड़ गई। हमेशा गांव गांव तक पहुंचने वाले विधायक के निधन का किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा। विधायक अपनी विधानसभा क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। विकास योजनाएं क्षेत्र तक पहुंचाने के साथ ही क्षेत्र के युवाओं को दिल्ली में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जाने जाते थे।

परिवार में सबसे छोटे थे 

विधायक परिवार में सबसे छोटे थे। उनसे बड़े भाई रमेश व महेश जीना दिल्ली में कारोबारी हैं। विधायक के 18 तथा 20 वर्षीय दो पुत्र हैं। विधायक के करीबियों ने बताया कि पत्नी धरमा देवी के निधन के बाद से विधायक सदमे में आ गए थे। कई दिनों तक अन्न ग्रहण नहीं किया। इस वजह से भी सेहत बिगड़ती चली गई।

वर्ष 2007 में पहली बार बने विधायक 

सुरेंद्र सिंह जीना 2007 में राजनीति में कदम रखा। वह एक बार भिकियासैण व दो बार सल्ट से विधायक चुने गए।

गरीबों की मदद को रहते थे तत्पर

सियासी जीवन के इतर सुरेंद्र जीना में गरीबों की सेवा का गुण उन्हें खास बनाता था। जरूरतमंद की मदद को वह हमेशा तत्पर रहते थे। उन्होंने अपने पिता प्रताप सिंह जीना के नाम से चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया था। इसके माध्यम से गरीबों को हर तरह की मदद मुहैया कराई जाती थी। 

पत्नी की जिद पर दिल्ली में मनाई थी नवरात्र 

विधायक सुरेंद्र जीना के करीबियों के अनुसार विधायक हमेशा त्योहार क्षेत्र में ही मनाते थे। मगर अबकी नवरात्र में वह दिल्ली में ही रहे। पत्नी धरमा देवी (नेहा) ने विधायक पति से साथ दिल्ली में ही नवरात्र मनाने की जिद की थी।

सि‍यासी सफर  

उत्तराखंड भाजपा के अनुभवी युवा चेहरे और तीन बार के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का दिल्ली में निधन हो गया है। कोरोना संक्रमण के बाद सर गंगा राम अस्पताल में जीना का इलाज चल रहा था, लेकिन करीब दो हफ्ते की लड़ाई के बाद जीना जिंदगी की जंग हार गए। साल 2006 में जीना कुमाऊँ मंडल विकास निगम के अध्यक्ष रहे। 2007 में पहली बार भिक्क्यासैंण सीट से विधानसभा पहुंचे। 2012 के चुनाव में दूसरी बार सल्ट विधानसभा से जीते, जबकि 2017 में वह तीसरी बार फिर सल्ट विधानसभा से चुनाव जीत कर आए। सुरेंद्र सिंह जीना महज 50 साल की उम्र में कोरोना के कारण यह दुनिया छोड़कर चले गए। जीना के निधन के बाद पूरे भाजपा परिवार में शोक की लहर है।

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