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coronavirus : उत्तराखंड में कोरोना अभी मैदानी बीमारी, पहाड़ में अब तक मिला सिर्फ एक केस

कोरोना संक्रमण के मामले प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे हैं। जमात का मामला सामने आने के बाद यह स्थिति बनी। आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना पॉजिटिव के अधिकांश केस मैदान से जुड़े हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 09 Apr 2020 01:20 PM (IST)
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coronavirus : उत्तराखंड में कोरोना अभी मैदानी बीमारी, पहाड़ में अब तक मिला सिर्फ एक केस
हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना संक्रमण के मामले प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे हैं। जमात का मामला सामने आने के बाद यह स्थिति बनी। आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना पॉजिटिव के अधिकांश केस मैदान से जुड़े हैं। गनीमत है कि पहाड़ में सिर्फ एक केस रानीखेत के जमाती का निकला। मैदान की अपेक्षा पहाड़ पर स्वास्थ सुविधाओं की स्थिति मजबूत नहीं है। ऐसे में महामारी को पहाड़ पर चढ़ने से रोकना बेहद जरूरी भी है।

उत्तराखंड में कोरोना की शुरुआत विदेश से लौटे आइएफएस अफसरों से हुई थी। उसके बाद से लगातार जमातियों में पुष्टि होने से शासन-प्रसाशन में हड़कंप मचा है। पुलिस खुफिया एजेंसियां लगातार इनकी हिस्ट्री खंगालने में जुटी है। चिन्हित कर इन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है। आठ मार्च की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा केस दून में 18 सामने आए हैं। उसके बाद आठ केस नैनीताल जिले में निकले। पौड़ी में एक मरीज संक्रमित मिला। हालांकि यह जनपद के मैदानी शहर कोटद्वार का निवासी है। पहाड़ के सात जिलों में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

कोरोना संक्रमण जिलेवार

अल्मोड़ा         एक

बागेश्वर           शून्य

चमोली           शून्य

चम्पावत         शून्य

दून                18

हरिद्वार          तीन

नैनीताल        आठ

पौड़ी             एक

पिथौरागढ़     शून्य

रुद्रप्रयाग      शून्य

टिहरी           शून्य

यूएसनगर     चार

उत्तरकाशी    शून्य

क्‍वरंटाइन किए गए लोगों की संख्‍या तेजी से बढी

प्रदेश में बीते पांच दिनों में क्वारंटाइन किए गए लोगों की संख्या पांच गुना बढ़ी है। तीन अप्रैल तक प्रदेश में जहां केवल 8557 लोग क्वारंटाइन किए गए थे, बुधवार आठ अप्रैल तक यह संख्या बढ़ कर 45415 पहुंच गई है। कोरोना की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इससे निबटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश में जमातों में आने वाले लोगों के बाद संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। प्रदेश में अभी कोरोना पीड़ितों के लिए 823 बेड बनाए गए हैं। इनमें से अभी तक केवल 27 का ही इस्तेमाल हो रहा है। कोरोना संभावित मरीजों के लिए 1682 बेड बनाए गए हैं इनमें से 149 ही इस्तेमाल में हैं।

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