Move to Jagran APP

शिक्षा विभाग में 250 से 300 रुपये में मिलने वाली एलईडी लाइट 2300 रुपये में खरीदी गई

शिक्षाविभाग में समायोजन के खेल के बाद कमीशनखोरी का मामला इन दिनों चर्चा में है। कई मर्तबा कमीशन का आरोप आला अधिकारियों पर लगता रहता है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 05 May 2019 05:54 PM (IST)
Hero Image
शिक्षा विभाग में 250 से 300 रुपये में मिलने वाली एलईडी लाइट 2300 रुपये में खरीदी गई
अल्मोड़ा, जेएनएन : शिक्षाविभाग में समायोजन के खेल के बाद कमीशनखोरी का मामला इन दिनों चर्चा में है। कई मर्तबा कमीशन का आरोप आला अधिकारियों पर लगता रहता है। यही नहीं पूर्व में एक सीईओ को विजीलेंस की टीम ने घूस लेते हुए दबोचा था। कई बार रेट कांट्रैक्ट के नाम पर फर्नीचर व अन्य सामग्री खरीद फरोख्त में कमीशन का आरोप लोग लगाते रहे हैं। 

इन दिनों एक नया मामला स्कूलों में विद्युत उपकरण एलईडी ट्यूब लाइट खरीदने का है। बाजार में जो ट्यूब लाइट 250 से 300 रुपये के बीच मिलती है, वहीं एलइडी ट्यूब लाइट चार गुने से अधिक दर पर स्वीकृत की गई, साथ ही एक पीस में दिए गए एमआरपी रेट पर ही टैक्स काट लिया गया। यह घोटाला सूचना के अधिकार से सामने आया है। कई स्कूलों में विभाग ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर एलइडी के ट्यूब बल्ब खरीदे। बाजार में 250 से 300 रुपये के बीच मिलने वाले इन बल्बों की कीमत जिम्मेदार अधिकारियों ने दो हजार तीन सौ 10 रुपये में न केवल स्वीकृत कर दी, बल्कि इसी एमआरपी पर टैक्स की धनराशि को स्वीकृत कर यह घोटाले का खेल खेला गया है। आरटीआइ कार्यकर्ता डॉ. रमेश लोहुमी ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह जानकारी मांगी थी। ऊर्जा बचत के लिए एलईडी ट्यूब बल्ब खरीदने के आदेश शिक्षा निदेशालय ने दिए थे। जिसके बाद सभी सरकारी स्कूलों में बल्ब खरीदे गए। 

जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई 

जगमोहन सोनी, मुख्य शिक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा ने बताया कि इस तरह का मामला अधिकांश ताकुला विकास खंड के विद्यालयों का है। एलईडी ट्यूब लाइट अगर एमआरपी रेट से अधिक रेट पर खरीदी पाई गई तो जांच के उपरांत ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।