Move to Jagran APP

शादी के बंधन में बंधने वाले रोहित और स्निग्‍धा मेहमानों को देंगे कपड़े के बैग nainital news

सात समंदर पार इंजीनियर की नौकरी करने वाले नैनीताल के रोहित भट्ट 22 नवंबर को स्निग्धा भट्ट के साथ सात फेरे लेंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 06 Nov 2019 11:37 AM (IST)
Hero Image
शादी के बंधन में बंधने वाले रोहित और स्निग्‍धा मेहमानों को देंगे कपड़े के बैग nainital news
हल्द्वानी, शहबाज अहमद : सात समंदर पार इंजीनियर की नौकरी करने वाले नैनीताल के रोहित भट्ट 22 नवंबर को स्निग्धा भट्ट के साथ सात फेरे लेंगे। पेशे से इंजीनियर यह जोड़ा पर्यावरण पर छा रहे प्रदूषण के बादलों से खासा चिंतित है। लिहाजा यह तय किया गया है कि शादी में शिरकत करने वाले रिश्तेदारों और मेहमानों को जागरूक करने के लिए उन्हें कपड़े के बैग बतौर उपहार दिए जाएंगे। जिसमें लिखा होगा 'से नो टू पॉलीथिनÓ। दोनों मानते हैं कि पर्यावरण में जहर घुलने की बड़ी वजह पॉलीथिन भी है। पर्यावरण को लेकर हर कोई चिंतित है। मैदान के बाद अब पहाड़ तक की हवा में दिक्कत पैदा हो रही है। वाहनों की बढ़ती संख्या, लोगों में जागरूकता की कमी समेत तमाम कारण हैं। यहीं वजह है कि इंजीनियर जोड़े ने अपने शादी समारोह को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने का जरिया बनाने का भी संकल्प लिया है।

स्नातक की पढ़ाई कर अमेरिका में पाई जॉब 

नैनीताल निवासी रोहित भट्ट स्कूल व कॉलेज की पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहे। बिरला कॉलेज से बीसीए व एमसीए की डिग्री लेने के बाद उन्हें अमेरिका में जॉब का ऑफर मिला। पिता महेश चंद्र ने बताया कि पांच साल से रोहित अमेरिका में ही नौकरी कर रहे हैं। शादी के लिए वह 14 नवंबर को वहां से रवाना होंगे।

स्निग्धा बंगलुरू में इंजीनियर

इंटर बोर्ड की परीक्षा में टॉप कर चुकी पॉलीशीट निवासी स्निग्धा भट्ट ने भीमताल से बीटेक करने के बाद पहले हैदराबाद में नौकरी की। फिलहाल वह बंगलुरू में कार्यरत हैं। पिता विनोद भट्ट के मुताबिक कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई के दौरान स्निग्धा ने हर सेमेस्टर में टॉप किया।

150 बैग का ऑर्डर दिया

शादी में शिरकत करने वाले मेहमानों के लिए मेरठ से कपड़े के 150 बैग मंगाए गए हैं। जिसमें एक तरफ 'से नो टू पॉलीथिन' तो दूसरी तरफ इंजीनियर जोड़े का नाम लिखा हुआ है।

पिता चार साल से चला रहे अभियान

स्निग्धा के पिता विनोद पिछले चार साल से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेटी व दामाद की सहमति और पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश देने के लिए परिवार ने यह पहल की।

यह भी पढ़ें : सात समंदर पार की नौकरी छोड़कर हिमांशु ने जैविक खेती में बनाया कॅरियर

यह भी पढ़ें : जानिए 'झूठे का मंदिर' के पीछे की पौराणिक कथा, मां पूर्णागिरि पर आस्था बढ़ाने का भी है केंद्र

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।