न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में दो साल कारावास की सजा सुनाई nainital news
न्यायिक मजिस्ट्रेट वकी कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में आरोपित को दोषी करार देते हुए दो साल कारावास की सजा सुनाई है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 20 Dec 2019 11:22 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में आरोपित को दोषी करार देते हुए दो साल कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख का अर्थदंड लगाया है, जिसमें से चार लाख 98 हजार परिवादी को दिए जाएंगे।
मल्लीताल निवासी व्यवसायी मनीष साह ने चेक बाउंस होने पर रुकुट कम्पाउंड निवासी गोपाल देवल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मनीष के अनुसार वह हौजरी, इलेक्ट्रानिक सामान आदि का थोक में क्रय-विक्रय करते हैं। विपक्षी द्वारा पर्यटन सीजन में बेचने के लिए महीनों से सामान लिया जाता था। भरोसा दिया कि जून 2018 अंतिम सप्ताह में माल का पूरा भुगतान कर देगा। 27 जुलाई को साढ़े चार लाख का चेक दिया। जब अपने बैंक खाते में चेक भुगतान को लगाया तो खाते मेें रकम नहीं होने की वजह से बैंक द्वारा वापस कर दिया। कोर्ट ने जांच उपरांत आरोपित गोपाल देवल को धारा-138 के अंतर्गत अदालत में तलब कर लिया। गोपाल ने कोर्ट के बताया कि मनीष को ब्लैंक चेक दिया गया था, उसके द्वारा मनमानी रकम भरी गई। मनीष से साढ़े चार लाख ब्याज पर लिए थे पांच लाख का भुगतान कर चुका है। कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों के बाद गोपाल देवल को धारा-138 के तहत दोषी करार देते हुए दो साल का साधारण कारावास व पांच लाख अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड में से चार लाख 98 हजार बतौर प्रतिकर वादी मनीष को देने के आदेश पारित किए। अर्थदंड नहीं देने पर दोषी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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