ऊधमसिंह नगर पुलिस की छाती पर बैठे हैं माफिया, माइनिंग बेल्ट होने से लगातार बढ़ रहा अपराध
ऊधमसिंहनगर खनन बाहुल्य क्षेत्र है। सितारगंज से सुल्तानपुर पट्टी तक सभी थाना व चौकी खनन क्षेत्र में हैं। इसलिए थानों में माफियाओं का दबदबा है। सवाल उठना लाजमी है कि इन क्षेत्रों में खनन हो और पुलिस को कुछ पता ही न चले।
By Deep belwalEdited By: Skand ShuklaUpdated: Fri, 14 Oct 2022 08:18 AM (IST)
दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : मुठभेड़ में जसपुर के ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख कीपत्नी की हत्या और छह पुलिस कर्मियों के घायल होने के मामले ने पूरे कुमाऊं को हिला दिया है। वारदात के पीछे असली वजह 50 हजार का इनामी बदमाश जफर है।
ऊधमसिंह नगर को खनन के लिहाज से देखें तो यह खनन बाहुल्य क्षेत्र है। सितारगंज से सुल्तानपुर पट्टी तक सभी थाना व चौकी खनन क्षेत्र में हैं। इसलिए थानों में माफियाओं का दबदबा है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि इन क्षेत्रों में खनन हो और पुलिस को कुछ पता ही न चले।
जसपुर के ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख गुरजात सिंह भुल्लर की पत्नी गुरप्रीत कौर की हत्या ने ऊधमसिंह नगर पुलिस की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ठाकुरद्वारा की पुलिस व एसओजी ने ऊधमसिंह नगर के भरतपुर गांव में दबिश दी, लेकिन कुंडा थाने में आमद नहीं कराई।
सवाल उठ रहा है कि कहीं उत्तरप्रदेश पुलिस को सूचना लीक होने का डर तो नहीं था। पुलिस की मंशा इस ओर भी इशारा कर रही है कि वह 50 हजार के इनामी बदमाश जफर को गिरफ्तार कर चुपचाप लेकर तो नहीं जाना चाहती थी। हालांकि अभी तक यह भी सामने नहीं आया है कि जफर घर में था या नहीं।
डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे ने पूरे मामले में ठाकुरद्वार पुलिस की गलती बताई है। उनका कहना है कि पुलिस ने दबिश से पहले आमद करानी थी। घर में अचानक असलहों के साथ जाना बिल्कुल गलत है। इधर, बात ऊधमसिंह नगर में खनन की होती है तो पुलिस की लापरवाही सामने आती रही है।तत्कालीन डीएस कुंवर ने खनन के मामले में पूरी सुल्तानपुर पट्टी चौकी को निलंबित कर दिया था। आईटीआई, कुंडेश्वरी, कुंडा, बाजपुर, सुल्तानपुर पट्टी, सितारगंज व किच्छा तक पुलिस की मिलीभगत से खनन होता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।