संक्रमण फैलाने में बड़ा कारण बन रहे हैं नोट, आइएमए अध्यक्ष ने भी इसे स्वीकारा, जानिए
आइएमए शहर अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र पंत कहते हैं कि कई शोधों में करेंसी से संक्रमण होने की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 18 Apr 2019 10:38 AM (IST)
हल्द्वानी, गणेश जोशी : रुपयों के मिलने की खुशी तो होती है, लेकिन ये रुपये (नोट और सिक्के) कब संक्रमण फैला दें, पता ही नहीं चलता। ऐसा इसलिए कि रुपये तमाम हाथों से गुजरते हैं। डॉक्टर तेजी से बढ़ते संक्रमण की समस्या को इसे भी बड़ा कारण मानते हैं। इसके लिए आइएमए शहर अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र पंत कहते हैं कि कई शोधों में करेंसी से संक्रमण होने की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड ऑथिरिटी ऑफ इंडिया (एफसीसीआइ) ने भी इसी साल सभी राज्यों को गाइडलाइन जारी की है। इस संस्था ने लोगों को नोटों व सिक्कों से फैलने वाले संक्रमण से आगाह किया है। निर्देश दिए हैं कि खाद्य पदार्थ बेचने वाले एक हाथ में दस्ताना अवश्य पहनें, ताकि करेंसी को संक्रमित होने से रोका जा सके। हालांकि इस नियम का कहीं भी पालन होता नजर नहीं आ रहा है।
इस तरह संक्रमित होते हैं नोट
संक्रमित व गंदे हाथ से नोट व सिक्कों को पकडऩा, थूक से नोट गिनना, धूल आदि गंदगी वाले स्थान पर पैसों को रखने से संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है। यहां तक कि कुछ लोग मोजे, ब्लाउज और कमर में भी पैसों को रखते हैं। इसलिए इनमें खतरनाक बैक्टीरिया नोटों के जरिये दूसरों तक आसानी से फैल जाते हैं। स्ट्रीट वेंडर्स अक्सर जिस हाथ से नोट पकड़ते हैं, उसी हाथ से खाना भी परोसते हैं।
संक्रमित व गंदे हाथ से नोट व सिक्कों को पकडऩा, थूक से नोट गिनना, धूल आदि गंदगी वाले स्थान पर पैसों को रखने से संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है। यहां तक कि कुछ लोग मोजे, ब्लाउज और कमर में भी पैसों को रखते हैं। इसलिए इनमें खतरनाक बैक्टीरिया नोटों के जरिये दूसरों तक आसानी से फैल जाते हैं। स्ट्रीट वेंडर्स अक्सर जिस हाथ से नोट पकड़ते हैं, उसी हाथ से खाना भी परोसते हैं।
इन बीमारियों का खतरा अधिक
आइएमए के अध्यक्ष व वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. दिनेश चंद्र पंत कहते हैं कि वातावरण में जो भी चीज है, उसमें संक्रमण का खतरा रहता है, लेकिन करेंसी में खतरा कुछ ज्यादा देखने को मिलता है। इसकी वजह से टीबी, अल्सर, मूत्र, सांस, गले का संक्रमण आदि बीमारियों का खतरा रहता है। यह बीमारियां उन लोगों को जल्दी अपनी गिरफ्त में लेती हैं, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। शोध में भी नोटों के कीटाणुयुक्त होने का खुलासा
इंस्टीटयूट ऑफ जियोनॉमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायलॉजी दिल्ली ने तीन साल पहले किए शोध में नोटों के डीएनए जांच में खतरनाक संक्रमण फैलाने वाले 78 कीटाणुओं का पता लगाया था। इसके अलावा कई अन्य शोधों में भी इसकी पुष्टि हो चुकी हैं, लेकिन सरकार के पास इससे निपटने के लिए किसी तरह का सिस्टम नहीं है।
आइएमए के अध्यक्ष व वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. दिनेश चंद्र पंत कहते हैं कि वातावरण में जो भी चीज है, उसमें संक्रमण का खतरा रहता है, लेकिन करेंसी में खतरा कुछ ज्यादा देखने को मिलता है। इसकी वजह से टीबी, अल्सर, मूत्र, सांस, गले का संक्रमण आदि बीमारियों का खतरा रहता है। यह बीमारियां उन लोगों को जल्दी अपनी गिरफ्त में लेती हैं, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। शोध में भी नोटों के कीटाणुयुक्त होने का खुलासा
इंस्टीटयूट ऑफ जियोनॉमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायलॉजी दिल्ली ने तीन साल पहले किए शोध में नोटों के डीएनए जांच में खतरनाक संक्रमण फैलाने वाले 78 कीटाणुओं का पता लगाया था। इसके अलावा कई अन्य शोधों में भी इसकी पुष्टि हो चुकी हैं, लेकिन सरकार के पास इससे निपटने के लिए किसी तरह का सिस्टम नहीं है।
विदेश में भी इस तरह की समस्या
भारत ही नहीं, कई अन्य देशों में भी यह समस्या है। अमेरिका में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का अनुमान है कि हर साल अमेरिका में फ्लू की वजह से 36 हजार लोगों की जान चली जाती है। इनमें से 10 फीसद लोग पेपर करेंसी की वजह से संक्रमित हुए। बचने के लिए अपनाए ये नुस्खे
कैलाश टम्टा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि एफसीसीआइ के निर्देश हैं। इस पर हम लगातार जागरूकता अभियान चलाते हैं। रूटीन निरीक्षण के दौरान भी साफ-सफाई के साथ ही नोटों व सिक्कों को खाना बनाने व परोसने वालों हाथों से न पकडऩे के लिए भी मोटिवेट करते हैं। इससे संक्रमण का खतरा तो रहता है, लेकिन इसके लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान की जरूरत है।यह भी पढ़ेंं : आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हैवी पिक एंड ड्राप ड्रोन से पहुंचाए जा सकेंगे दवा और खाने
यह भी पढ़ें : मानसरोवर यात्रा के शुल्क को लेकर तस्वीर साफ, यात्रा का पहला दल आठ जून को पहुंचेगा दिल्ली
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।भारत ही नहीं, कई अन्य देशों में भी यह समस्या है। अमेरिका में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का अनुमान है कि हर साल अमेरिका में फ्लू की वजह से 36 हजार लोगों की जान चली जाती है। इनमें से 10 फीसद लोग पेपर करेंसी की वजह से संक्रमित हुए। बचने के लिए अपनाए ये नुस्खे
- गंदे नोट और सिक्कों का कम से कम इस्तेमाल करें
- नोट या सिक्कों को साफ जगह पर रखें
- भोजन करते समय नोट व सिक्कों को न छुएं
- भोजन से पहले हाथ अच्छी तरह धो लें
- पर्स को समय-समय पर बदलते रहें
कैलाश टम्टा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि एफसीसीआइ के निर्देश हैं। इस पर हम लगातार जागरूकता अभियान चलाते हैं। रूटीन निरीक्षण के दौरान भी साफ-सफाई के साथ ही नोटों व सिक्कों को खाना बनाने व परोसने वालों हाथों से न पकडऩे के लिए भी मोटिवेट करते हैं। इससे संक्रमण का खतरा तो रहता है, लेकिन इसके लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान की जरूरत है।यह भी पढ़ेंं : आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हैवी पिक एंड ड्राप ड्रोन से पहुंचाए जा सकेंगे दवा और खाने
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