पाकिस्तान के खिलाफ दो विकेट झटकने वाली Sneh Rana को क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने बेच दी थी पूरी खेती
CWG 2022 India vs Pakistan Women match कॉमनवेल्थ 2022 में रविवार को भारत और पाकिस्तान की महिला क्रिकेट टीमों के बीच शानदार मुकाबला खेला गया। बर्मिंघम में खेले गए मैच में भारतीय स्पिनर स्नेह राणा (Sneh Rana) ने बेहतरीन प्रदर्शन कर दो विकेट झटके।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 31 Jul 2022 07:29 PM (IST)
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : CWG 2022 India vs Pakistan Women match : राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार शामिल वुमेंस क्रिकेट टी-20 में आज भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला हुआ। भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आठ विकेट से पाकिस्तान टीम को बुरी तरह पराजित कर दिया। इस मैच में देहरादून निवासी स्नेह राणा (Sneh Rana) ने बेहतरीन प्रदर्शन कर दो विकेट झटके। स्नेह के अलावा राधा यादव ने दो जबकि रेणुका, मेघा और शेफाली ने एक एक विकेट हासिल किए। स्नेह राणा रेलवे मंडल फिरोजपुर के अंतर्गत अमृतसर रेलवे स्टेशन पर टीटीई के तौर पर तैनात हैं।
किसान परिवार में हुआ है स्नेह राणा का जन्म
स्नेह राणा का जन्म देहरादून के पास सिनोला गांव में किसान के परिवार में हुआ है। पहाड़ से निकलकर अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमकना स्नेह के लिए आसान न था। उनका रास्ता कठिन और चुनौतियों से भरा था। लेकिन परिवार और खासकर पिता के साथ ने उनके हौसले बुलंद किए। पिता ने बेटी का सपना पूरा करने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया।
बचपन में लड़कों के साथ खेलती थीं स्नेह राणा
Who Is Sneh Rana : स्नेह राणा को बचपन से ही क्रिकेट का जुनून था। वह लड़कों के साथ खेलतीं, लेकिन उनके लिए आगे बढऩे का सफर आसान नहीं था। नौ साल उम्र में उनके गांव में देहरादून के लिटिल मास्टर्स क्रिकेट एकेडमी ने मैच कराया। जिसमें शानदार प्रदर्शन कर वुमेन आफॅ सीरिज अवार्ड हासिल किया। उसी दौरान स्नेह कोच नरेंद्र शाह और किरण शाह की नजरों में आईं और उन्होंने क्लब में ले लिया।बेटी का सपना पूरा करने के लिए बेच दी पूरी खेती
परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी न थी। स्नेह पिता की पुरानी साइकल रोज 12 किलोमीटर चलाकर क्लब जातीं और क्रिकेट की बारीकियां सीखतीं, लेकिन उत्तराखंड में मौके नहीं थे। जब स्नेह 16 साल की थीं तब बेटी का बड़ा क्रिकेटर बनने का सपना पूरा करने के लिए पिता भगवानसिंह राणा ने बड़ा फैसला लिया। सारी खेती बेच दी और हरियाणा शिफ्ट हो गए। रत्तीभर नहीं सोचा कि अगर बेटी अपने खेल में आगे नहीं बढ़ पाई तो परिवार की रोज़ी-रोटी कैसे चलेगी। उन्हें बेटी की काबिलियत पर भरोसा था।पंजाब टीम की कप्तान रहीं हैं स्नेह राणा
दो साल हरियाणा रहने के बाद परिवार को अमृतसर शिफ्ट होना पड़ा। स्नेह ने पंजाब से खेलना शुरू किया और उनका कॅरिअर आगे बढ़ता चला गया। पंजाब की अंडर-19 टीम की कप्तान बनीं। स्नेह हरमनप्रीत भुल्लर के बाद भारतीय टीम में शामिल होने वाली पंजाब से दूसरी क्रिकेटर हैं। स्नेह बताती हैं- मेरा कॅरिअर बनाने में पिता का बड़ा योगदान है। उन्होंने मेरे कॅरिअर के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। वर्ष 2014 में स्नेह का चयन भारतीय महिला टीम में श्रीलंका के खिलाफ हुए मैच में हुआ था।
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