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Daroga Bharti Scam: जांच बढ़ नहीं रही या बढ़ाई नहीं जा रही, हल्द्वानी सेक्टर विजिलेंस की जांच पर उठ रहे सवाल

प्रदेश का बहुचर्चित दारोगा भर्ती घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। सवाल उठ रहे हैं कि जांच बढ़ नहीं रही या बढ़ाई नहीं जा रही है? नये निदेशक के कार्यभार संभालने के बाद अभी तक इस घोटाले में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है।

By Deep belwalEdited By: Shivam YadavUpdated: Fri, 27 Oct 2023 01:17 AM (IST)
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Daroga Bharti Scam: जांच बढ़ नहीं रही या बढ़ाई नहीं जा रही

दीप बेलवाल, हल्द्वानी। प्रदेश का बहुचर्चित दारोगा भर्ती घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। सवाल उठ रहे हैं कि जांच बढ़ नहीं रही या बढ़ाई नहीं जा रही है? नये निदेशक के कार्यभार संभालने के बाद अभी तक इस घोटाले में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। 

पुराने आइओ, एसपी व निदेशक का तबादला हो चुका है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की अनुमति पर आठ अक्टूबर 2022 को हल्द्वानी सेक्टर की विजिलेंस थाने में दारोगा भर्ती घोटाले के 12 आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस हुआ था। 

20 दारोगा को किया गया था निलंबित

16 जनवरी 2023 को तत्कालीन पुलिस महानिदेशक व अब विजिलेंस के निदेशक वी. मुरुगेशन ने 20 दारोगा को निलंबित कर दिया था। हल्द्वानी सेक्टर के आइओ चंचल शर्मा इस पूरे मामले की जांच कर रहे थे। उनका तबादला हो चुका है। 

वहीं पूर्व एसपी प्रहलाद नारायण मीणा व पूर्व निदेशक अमित सिन्हा भी दूसरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। आईपीएस वी मुरुगेशन को निदेशक की नई जिम्मेदारी मिली। कार्यभार संभालने के कुछ दिन बाद वह विजिलेंस का निरीक्षण कर गए थे। जांच में तेज के निर्देश दिए, लेकिन अभी तक जांच आगे नहीं बढ़ पा रहा है। 

पुलिस लाइन में समय बीता रहे निलंबित दारोगा

निलंबित दारोगा पुलिस लाइन में समय बीता रहे हैं। इस बीच कई तरह की चर्चाओं का बाजार गरम है। पहले विजिलेंस ने जिस गति से कार्रवाई की उससे लग रहा था कि कई चेहरे जल्द बेनकाब होंगे। दारोगा की कुर्सी जाएगी। मगर अभी विजिलेंस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। अधिकारी जांच जारी रहने की बात कह रहे हैं। ठोस साक्ष्य नहीं होना भी जांच में देरी की एक वजह मानी जा रही है।

दारोगा भर्ती घोटाले की जांच अंतिम चरणों में है। इस मामले में जल्द कार्रवाई होगी। अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा।

-वी मुरुगेशन, निदेशक, विजिलेंस।

वर्ष 2015 में हुई थी भर्ती

वर्ष 2015 में हुई दारोगा भर्ती परीक्षा हुई थी। जिसमें 339 युवा उत्तीर्ण हुए थे। गढ़वाल मंडल के 210 और कुमाऊं मंडल के 129 अभ्यर्थी शामिल थे। विजिलेंस ने शुरुआती जांच में गलत तरीके से भर्ती होने की संख्या 20 से 30 बताई थी।

इन नकल माफिया पर हुई प्राथमिकी

चंदन मनराल, हाकम सिंह, नरेंद्र सिंह जादौन, केंद्र पाल, शादिक मूसा, विपिन बिहारी, दिनेश चंद्र जोशी, रुपेश जायसवाल, राजेश कुमार चौहान, संजीव कुमार चौहान, राजेश पाल, नितीश गुप्ता।

ये दारोगा चल रहे निलंबित

ओमवीर सिंह, प्रवेश रावत, राज नारायण व्यास, जैनेंद्र राणा, निखिलेश बिष्ट, दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश, संतोषी, नीरज चौहान, आरती पोखरियाल, प्रेमा कोरंगा, भावना बिष्ट, पुष्पेंद्र, गगन मैठाणी, तेज कुमार, मोहित सिंह रौथाण।

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