Nainital: खतरे में खूपी क्षेत्र के ग्रामीण, धूप खिली तो घरों पर बढ़ी दरारें; आशियाना छोड़कर जा रहे लोग
Nainital News खूपी क्षेत्र में भूस्खलन से ग्रामीणों का जीवन खतरे में है। बजट जारी होने के बावजूद सुरक्षा कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं। धूप खिलने के साथ दरारें बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत है। प्रशासन स्तर पर समाधान नहीं हो पा रहा है। विधायक सरिता आर्य ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है। खतरे को देखते हुए कई लोग घरों को छोड़ अन्यत्र विस्थापित हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। Nainital News: भूधंसाव से प्रभावित खूपी क्षेत्र के ग्रामीणों को अब तक राहत नहीं मिल पाई है। पहाड़ी पर लगातार हो रहे भू-कटाव के कारण ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर है।
आपदा के तहत बजट जारी होने के बाद भी नाले में भूस्खलन रोकथाम के कार्य शुरू नहीं हो पाए है। अब धूप खिलने के साथ आवासों व रास्तों पर पड़ी दरारें बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत पैदा हो रही है।
एक दशक से भी अधिक समय से जारी है भूस्खलन
भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील खूपी क्षेत्र में एक दशक से भी अधिक समय से भूस्खलन हो रहा है। कुछ भवन भी धंसाव की चपेट में आने के बाद ध्वस्त हो गए है। खतरे को देखते हुए कई लोग घरों को छोड़ अन्यत्र विस्थापित हो गए हैं।
प्रशासन स्तर पर इसका समाधान नहीं किया जा सका
लंबे समय से समस्या बनी होने के बावजूद प्रशासन स्तर पर इसका समाधान नहीं किया जा सका । इस वर्ष मानसून काल में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत व एसडीएम प्रमोद कुमार ने क्षेत्र का निरीक्षण किया था। क्षेत्रवासियों ने भूस्खलन रोकथाम के कार्यों को शुरू करने की मांग रखी थी।
जिला प्रशासन की ओर से 24 लाख की धनराशि जारी
समस्या को देखते हुए आपदा के तहत जिला प्रशासन की ओर से 24 लाख की धनराशि सिंचाई विभाग को जारी कर दी। जिससे तलहटी पर स्थित कुरिया गधेरे में चेक डैम निर्माण किया जाना था।
क्षेत्रवासियों ने सुरक्षा कार्यों में देरी पर जताई नाराजगी
बजट जारी होने के बाद मानसून तो गुजर गया, मगर सुरक्षा कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाए है। अब धूप खिलने के बाद रास्ते और भवनों पर पड़ी दरारें बढ़ने लगी है। क्षेत्रवासियों ने सुरक्षा कार्यों में देरी पर नाराजगी जताई है।
इस मामले में विधायक सरिता आर्य का कहना है कि खूपी व आलूखेत से आसपास का पूरा क्षेत्र संवेदनशील है। जिसकी रोकथाम के लिए पूर्व में सर्वे कार्य हो चुका है। अन्य अध्ययनों को पूरा करवाकर जल्द सरकार के स्तर पर ट्रीटमेंट की पहल की जाएगी। सिंचाई विभाग को अस्थाई रोकथाम कार्य तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए गए है।