उत्तराखंड के व्यापारियों की मांग, बजट में पहाड़ के लिए उद्योगों के विकास का हो प्रवाधान nainita news
आम बजट नजदीक है। उद्योग जगत से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि बजट में सरकार कुछ ऐसा प्रावधान करेगी जिससे पहाड़ में उद्योगों को बल मिलेगा।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 26 Jan 2020 09:16 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : पर्वतीय क्षेत्रों से होने वाले पलायन के लिए बेरोजगारी और बदलाव शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं को मुख्य रूप से जिम्मेदार समझा जाता है। सरकारें भी इसे मानती और कहती हैं, लेकिन इसके निराकरण के लिए नीतिगत प्रयास नहीं होते। आम बजट नजदीक है। उद्योग जगत से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि बजट में सरकार कुछ ऐसा प्रावधान करेगी, जिससे पहाड़ में उद्योगों को बल मिलेगा।
पहाड़ में लगे टैलकम पाउडर, टूथपेस्ट व मेडिसिन उत्पादन बनाने के उद्योगकुमाऊं के कारोबारियों का कहना है कि सरकार को ऐसा प्रावधान करना चाहिए, जिससे पहाड़ में उद्योग लगाना आसान हो। प्रदेश में चार सौ से अधिक मैग्नेसाइट व खडिय़ा खान हैं। यहां से मैग्नेसाइट व खडिय़ा बाहर भेजा जाता है। पहाड़ में टैलकम पाउडर, टूथपेस्ट व मेडिसिन उत्पादन बनाने जैसे उद्योग स्थापित किए जाने चाहिए। ताकि रोजगार के अवसर बढ़ें। हिमालय चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आरसी बिंजोला बताते हैं कि सरकार चीन से मैग्नेसाइट आयात करा रही है। कुमाऊं में अधिकांश मैग्नेसाइट की खान हैं। विदेश से सामग्री आयात करने से रोजगार व आर्थिकी दोनों पर असर पड़ेगा।
खेती, बागवानी उत्पादों को टैक्स से मिले राहत राजेंद्र भट्ट, लघु उद्यमी ने बताया कि पहाड़ों में पारंपरिक रूप से कई तरह के पौष्टिक अनाज पैदा होते हैं। कई तरह के मौसमी फल बहुतायत होते हैं। पहाड़ के उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के साथ उद्यम खोलने पर जोर दिया जाना चाहिए। खेती, बागवानी उत्पादों को टैक्स में राहत मिले।
पहाड़ में स्वरोजगार करने वाले युवाओं को प्रेरित किया जाए
हिमांशु पंत, लघु उद्यमी ने बताया कि पहाड़ में उद्योग लगाना कठिन है। कुछ लोग अपने दम पर छोटी यूनिट लगाकर स्वरोजगार कर रहे हैं। ऐसे युवाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। पहाड़ में उद्योग लगाने के लिए जीएसटी में अतिरिक्त छूट मिले। उद्योग क्षेत्र का बजट 30 फीसद तक बढ़ाया जाए।देश में होने वाले उत्पादों का विदेश से आयात बंद होआरसी बिंजोला, अध्यक्ष हिमालय चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का कहना है कि देश में उत्पादित होने वाले उत्पादों का विदेश से आयात बंद हो। उद्योग क्षेत्र का बजट बढ़ाया जाना चाहिए। पहाड़ में उद्योग लगे। युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिले इसके लिए प्रदेश के पालीटेक्निक संस्थानों में माइनिंग से जुड़े डिप्लोमा कोर्स शुरू हों।
उद्योग सेक्टर पूरे देश में मंदी से जूझ रहा कमल कोठारी, टैक्स विशेषज्ञ ने बताया कि उद्योग सेक्टर पूरे देश में मंदी से जूझ रहा है। उम्मीद है उद्योगों को उबारने के लिए सरकारी कोई फैसला लेगी। उत्तराखंड में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए आइटी सेक्टर की कंपनियों को विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए। यह भी पढ़ें : जीबी पंत विश्वविद्यालय ने ईजाद की सोयाबीन की नई प्रजाति, कई विशेषताओं के चलते यह बढ़ाएगा किसानों की आय
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