Dev Uthani Ekadashi 2023: देवोत्थान एकादशी पर बन रहे विशेष योग, किए जाने वाले काम देंगे विशेष फल
Dev Uthani Ekadashi 2023 ज्योतिषाचार्य डा. जोशी ने बताया कि इस बार देवउठनी एकादशी पर विशेष योग बन रहे हैं। जिनमें सिद्धि योग प्रातः काल से प्रारंभ होकर अगले दिन प्रातः 905 बजे तक रहेगा। इस योग में किए जाने वाले सभी कार्य सफल होते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग गुरुवार सायं 516 बजे से अगले प्रातः 640 बजे तक रहेगा।
Dev Uthani Ekadashi 2023 जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । देवोत्थान या देवउठनी एकादशी गुरुवार को मनाई जाएगी। इसके साथ ही विवाह आदि मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे।
ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि आषाण से कार्तिक तक चार महीने योगनिद्रा में रहने के बाद भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं, मगर इस बार अधिक मास के चलते यह अवधि पांच महीने की हो गई।
इस बार यह एकादशी 22 नवंबर की रात 11:03 बजे से 23 नवंबर रात 9:01 बजे तक रहेगी। इस बीच लोग अपनी परंपरा अनुसार पूजा-पाठ कर सकते हैं। उदया तिथि के अनुसार 23 नवंबर को देवोत्थान एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन से सभी वैवाहिक व शुभ मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
ज्योतिषाचार्य डा. जोशी ने बताया कि इस बार देवउठनी एकादशी पर विशेष योग बन रहे हैं। जिनमें सिद्धि योग प्रातः काल से प्रारंभ होकर अगले दिन प्रातः 9:05 बजे तक रहेगा।
इस योग में किए जाने वाले सभी कार्य सफल होते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग गुरुवार सायं 5:16 बजे से अगले प्रातः 6:40 बजे तक रहेगा। रवि योग गुरुवार को प्रातः 6:39 बजे से प्रारंभ होकर शाम 5:16 बजे तक रहेगा।
पूजन का समय
देवोत्थान एकादशी पर प्रातः कालीन पूजा मुहूर्त सुबह 6:50 बजे से सुबह 8:09 बजे तक व रात पूजा मुहूर्त शाम 5:25 से रात 8:46 बजे तक रहेगा। एकादशी व्रत पारण 24 नवंबर सुबह 6:51 बजे से लेकर 8:57 बजे तक कर सकते हैं।
पहाड़ों पर मनाई जाएगी इगास व बूढ़ी दीपावली
23 नवंबर को ही पहाड़ों पर बूढ़ी दीपावली व इगास का पर्व मनाया जाएगा। माना जाता है कि भगवान श्रीराम के विजयी होकर अयोध्या लौटने की खबर पहाड़ों में 11 दिनों बाद मिली थी। तभी से इस दिन को बग्वाल-इगास के रूप में मनाने की परंपरा है।