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धामी सरकार ने बजट में जमरानी बांध को लेकर की अहम घोषणा, निर्माण पर खर्च होंगे 710 करोड़ रुपये; विस्थापन के जल्द निपटान की मांग

Uttarakhand Budget 2024 जमरानी बांध की वर्तमान लागत 3808 करोड़ है। 1557 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलेंगे क्योंकि मोदी सरकार ने इसे पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत स्वीकृति दी है। बांध से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों को पानी मिलेगा। इसलिए पूर्व में हुए एमओयू के तहत तय पड़ोसी राज्य से भी आर्थिक सहयोग मिलेगा। वहीं बजट सत्र में बांध निर्माण को 710 करोड़ रुपये देने की मंजूरी...

By govind singh Edited By: riya.pandey Updated: Wed, 28 Feb 2024 02:36 PM (IST)
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बजट में जमरानी बांध के निर्माण को 710 करोड़ रुपये की मंजूरी
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Uttarakhand Budget 2024: 1975 से चल रही जमरानी बांध परियोजना को धामी सरकार में एक और अहम स्वीकृति मिली है। बजट सत्र के दौरान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 710 करोड़ इस पर खर्चे को मंजूरी दे दी। बांध के डूब क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी इस निर्णय की सराहना की है। साथ कहा कि अब विस्थापन और पुनर्वास मामले को भी तेजी से निपटाना चाहिए।

जमरानी बांध की वर्तमान लागत 3808 करोड़ है। 1557 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलेंगे क्योंकि, मोदी सरकार ने इसे पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत स्वीकृति दी है। बांध से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों को पानी मिलेगा। इसलिए पूर्व में हुए एमओयू के तहत तय पड़ोसी राज्य से भी आर्थिक सहयोग मिलेगा।

वहीं, 27 फरवरी को बजट सत्र के दूसरे दिन सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में बांध निर्माण को लेकर 710 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वहीं, डूब क्षेत्र में आ रहे छह गांवों के लोगों का कहना है कि अब उन लोगों के विस्थापन और मुआवजे की प्रक्रिया में देरी न की जाए।

विस्थापन से जुड़ी प्रक्रिया के जल्द निपटान की मांग

वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले बजट की स्वीकृति का निर्णय सराहनीय है। सरकार को अब विस्थापन से जुड़ी प्रक्रिया को जल्द निपटाना चाहिए।

-चिराग बोरा, युवा पनियाबोर

बजट सत्र में लिए फैसले का सभी लोग स्वागत करते हैं। अब स्थानीय स्तर पर अटकी विस्थापन और पुनर्वास सूची का अंतिम प्रकाशन में देरी न हो।

-हरेंद्र सिंह, निवासी मुरकुड़िया

बांध निर्माण से जुड़ी सभी बाधाएं दूर हो चुकी है। डूब क्षेत्र के छह गांवों से जुड़े मामले में देरी से असमंजस की स्थिति है। अब विस्थापन प्रक्रिया पूरी हो।

-जीवन सिंह, निवासी गनराड़

केंद्र, राज्य सरकार से अनुमति मिल गई। बाघ कारीडोर का मामला भी निपट गया। अब ग्रामीणों को विस्थापन और पुनर्वास के मामले में और न लटकाया जाए।

-नवीन पलड़िया, अध्यक्ष बांध संघर्ष समिति

30 मार्च तक जमा कर सकेंगे बांध निर्माण का टेंडर

जमरानी बांध निर्माण का टेंडर अब आचार संहिता में नहीं फंसेगा। मंगलवार को आनलाइन टेंडर जारी हो गया। यूके टेंडर वेबसाइट पर बांध निर्माण संबंधी सभी शर्ते और नियम अपलोड कर दिए गए हैं। 30 मार्च तक इच्छुक कंपनियां आनलाइन प्रतिभाग कर सकती है। टेंडर विज्ञप्ति में साफ कहा गया है बांध निर्माण से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए वेबसाइट पर सूचना दी जाएगी।

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