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धामी सरकार ने तोड़ा खनन से राजस्व प्राप्ति का रिकॉर्ड, उप खनिज नियमावली में सरलीकरण बना मददगार

उत्तराखंड में खनन उद्योग आय का प्रमुख श्रोत है। धामी सरकार ने उपखनिज खनन नियमावली में सरलीकरण किया है। इसके बाद से ही खनन से राजस्व वसूली का रिकॉर्ड टूटने लगा है। सरकार ने वर्ष 2022-23 व 2023-24 में खनन से 875 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 173.17 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।

By Prakash joshi Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 20 Aug 2024 08:36 PM (IST)
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खनन से राजस्व प्राप्ति में वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों में ही 67 फीसदी की वृद्धि
संवाद सूत्र, लालकुआं। उत्तराखंड उपखनिज खनन नियमावली में सरलीकरण के चलते धामी सरकार में खनन से राजस्व वसूली का रिकॉर्ड टूटने लगा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के चार महीनों में वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले चार महीनों के सापेक्ष 67 प्रतिशत अधिक यानि 333.17 करोड़ की आय प्राप्त हुई है।  उत्तराखंड में खनन उद्योग आय का प्रमुख श्रोत है।

2022 से 2024 तक 875 करोड़ रुपये का लक्ष्य

आंकड़ों में नजर डालें तो सरकार ने वर्ष 2022-23 व 2023-24 में खनन से 875 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा था। जिसके सापेक्ष खनन विभाग ने क्रमश: 472.35 करोड़ व 645.42 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त किए। यानि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 173.17 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।

वर्ष 2023-24 के प्रारंभिक चार महीनों अप्रैल से जुलाई में 133.31 करोड़ रुपये की आय हुई थी। जो राजस्व वित्तीय वर्ष 2024-25 में के चार महीनों में बढ़कर 333.19 करोड़ हो गया।

आय बढ़ाने में सहायक बन रहे ये कदम

राजस्व वृद्धि के पीछे उत्तराखंड उपखनिज खनन नियमावली में सरलीकरण, ई-निविदा, सह-ई नीलामी के माध्यम से नए खनिज लाट का चिह्नीकरण कर उन्हें आवंटित करना, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम को प्रभावी कार्यवाही जैसे कदम आय बढ़ाने में सहायक बन रहे हैं।

इसके साथ ही खनन कार्य को और अधिक पारदर्शी बनाने एवं अवैध खनन की रोकथाम को आधुनिक माइनिंग डिजिटल ट्रांसफारमेशन एंड सर्विलांस सिस्टम विकसित करने के उद्देश्य से सरकार ने 45 माइन चेक पोस्ट स्थापित करने को स्वीकृति दी है।

आमजन को भी सस्ता मिल रहा है निर्माण सामग्री

खनन विभाग ने इस बार राज्य के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर एवं नैनीताल में रायल्टी वसूली व अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए निजी कंपनी को आवंटित किया है। खनन नीति में सरलीकरण के चलते स्टोन क्रेशर, स्क्रीनिंग प्लांटों में कच्चे माल पर्याप्त मात्रा में मिल रहा है।

यही कारण है कि जिस रेता व बजरी को 140 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा जा रहा था, अब वह 70 रुपये प्रति क्विंटल में मिल रहा है।

वर्षवार खनन से राजस्व वसूली

वर्ष वसूली
वर्ष 2020 - 21 396 करोड़
वर्ष 2021 - 22 570 करोड़
वर्ष 2022 - 23 472 करोड़
वर्ष 2023 - 24 645 करोड़
वर्ष 2024 - 25 333 करोड़ (पहले चार महीनों में)

खनन नीति में सरलीकरण व पारदर्शिता लाई गई है। जिससे जहां आमजन व कार्यदाई संस्थाओं को सस्ता निर्माण सामग्री मिल सकेगी। वहीं सरकार का राजस्व भी बढ़ेगर। वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनन से एक हजार करोड़ के राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा गया है।

- राजपाल लेघा, निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, देहरादून

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