ढेला गांव को ईको सेसेंटिव जोन से बाहर किया गया, स्टेट वाइल्ड लाइफ की बैठक में मुख्यमंत्री ने मुहर लगाई
ढेला गांव में लागू किए जा रहे ईको सेंसेटिव जोन को ग्रामीणों के विरोध व जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते निरस्त कर दिया गया। इससे ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों में जबरदस्त खुशी है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 28 Nov 2019 12:58 PM (IST)
रामनगर, जेएनएन : ढेला गांव में लागू किए जा रहे ईको सेंसेटिव जोन को ग्रामीणों के विरोध व जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते निरस्त कर दिया गया। इससे ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों में जबरदस्त खुशी है।
बता दें कि ढेला गांव को सरकार द्वारा ईको सेंसेटिव जोन के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही थी। इससे गांव में रोजगार परख उद्योग नहीं लग पाते। ग्रामीणों को हर छोटे बड़े निर्माण के लिए सीटीआर से अनुमति लेनी पड़ती। इसे लेकर ग्रामीण गुस्से में थे। इसके विरोध में ग्रामीणों ने कई बार धरना-प्रदर्शन किए। बीते दिनों ग्रामीणों ने पर्यटकों को भी कॉर्बेट पार्क में नहीं जाने दिया था। जिस वजह से पार्क अधिकारियों ने झिरना व ढेला में पर्यटकों के लिए नई बुकिंग बंद कर दी थी। इसे लेकर जनप्रतिनिधियों पर भी दबाव था।इन्होंने सीएम के सामने उठाया मामला
भाजपा जिला महामंत्री राकेश नैनवाल के नेतृत्व में ब्लॉक प्रमुख रेखा रावत, जिला मंत्री इंद्र रावत, भूपेंद्र खाती समेत दर्जनों लोगों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, नैनीताल सांसद अजय भट्ट व पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत से मिलकर गांव में ईको सेसेंटिव से होने वाली परेशानी से अवगत कराया था। जिसके बाद सांसद भट्ट ने प्रमुख वन संरक्षक को ईको सेसेंटिव जोन हटाने के लिए कहा। विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने भी मुख्यमंत्री व वन मंत्री के समक्ष यह मामला उठाया। सभी के दबाव का ही नतीजा था कि स्टेट वाइल्ड लाइफ की बैठक में ढेला गांव को ईको सेसेंटिव जोन से हटाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने मुहर लगा दी। सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि ढेला गांव को ईको सेसेंटिव जोन के दायरे से हटाने का प्रस्ताव पास हो गया।
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