Move to Jagran APP

दिव्यांग पेंशन का बजट मिला, अब जिलों से मांग आने का इंतजार

प्रदेशभर में दिव्यांग पेंशन के 69,830 लाभार्थी हैं। दिव्यांगों को वित्तीय वर्ष 2018-19 में चौथी किस्त के रूप में दिसंबर से मार्च तक की किस्त उनके बैंक खातों में ऑनलाइन दी जानी है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 09 Feb 2019 09:50 PM (IST)
Hero Image
दिव्यांग पेंशन का बजट मिला, अब जिलों से मांग आने का इंतजार
हल्द्वानी, जेएनएन : समाज कल्याण निदेशालय को शासन से दिव्यांग पेंशन की चौथी किस्त का 8.68 करोड़ का बजट मिल गया है, लेकिन अभी तक जिला समाज कल्याण कार्यालयों से निदेशालय को पात्रों को दी जानी वाली धनराशि की मांग नहीं भेजी गई है। इसके कारण निदेशालय से अभी तक जिलों को धनराशि आवंटित नहीं की जा सकी है। प्रदेशभर में दिव्यांग पेंशन के 69,830 लाभार्थी हैं। दिव्यांगों को वित्तीय वर्ष 2018-19 में चौथी किस्त के रूप में दिसंबर से मार्च तक की किस्त उनके बैंक खातों में ऑनलाइन दी जानी है। बजट मिलने के बाद निदेशालय से जिलों को पत्र भेजकर पेंशन धनराशि की मांग भेजने को कहा गया था, लेकिन फरवरी के दूसरे सप्ताह में भी जिलों से निदेशालय को मांग नहीं मिली। समाज कल्याण निदेशक विनोद गिरी गोस्वामी ने सभी जिलों से शीघ्र पेंशन धनराशि की मांग भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि समय पर धनराशि का जिलेवार आवंटन किए जा सके।

जिलेवार दिव्यांग पेंशन के लाभार्थी

उधमसिंहनगर=9135

चम्पावत=2159

नैनीताल=5313

अल्मोड़ा=5813

बागेश्वर=2483

पिथौरागढ़=3177

चमोली=2861

पौड़ी=6140

रुद्रप्रयाग=2094

टिहरी=7430

उत्तरकाशी=3490

देहरादून=9828

हरिद्वार=9913

छात्रवृत्ति आवेदनों का 20 तक होगा सत्यापन : समाज कल्याण विभाग में पोस्ट मैट्रिक और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के सत्यापन का कार्य 20 फरवरी तक पूरा किया जाएगा। तकरीबन 3,36,806 छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन किया है, जिसके बाद 22,4651 आवेदन स्वीकृत किए गए। अब छात्रवृत्ति के लिए पंजीकृत 18,065 संस्थानों से आवेदन पत्रों को सत्यापित किया जाना है, जिसके बाद छात्रों को धनराशि जारी की जाएगी।

यह भी पढ़ें : सर्व शिक्षा अभियान की कछुआ चाल : सत्र समाप्ति से 52 दिन पहले 76 लाख जारी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।