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उत्‍तराखंड में आज भी मनाई जा रही Diwali, पटाखे जलाते समय बरतें सावधानी; सांस के रोगी मुंह पर लगाएं मास्क

Diwali 2024 उत्तराखंड में आज शुक्रवार को भी दिवाली का जश्न जारी है लेकिन पटाखे जलाते समय सावधानी बरतना ज़रूरी है। डाक्टरों का कहना है कि एलर्जी या फिर सांस से संबंधित किसी तरह की परेशानी है तो धुएं से थोड़ी दूरी बनाएं। सांस के रोगियों को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए और मुंह पर मास्क लगाना चाहिए। जानिए पटाखों से होने वाले नुकसान और बचाव के तरीके।

By ganesh joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 31 Oct 2024 11:00 PM (IST)
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Diwali 2024: दीप पर्व को लेकर लोगों में उत्साह देखते ही बन रहा है। Concept Photo
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Diwali 2024: दीप पर्व को लेकर लोगों में उत्साह देखते ही बन रहा है। खुशियों के त्योहार का भरपूर आनंद उठाएं। इसके लिए पटाखे जलाते समय किसी तरह की लापरवाही न बरतें।

खासकर छोटे बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरती जाए। सांस के रोगियों को भी पटाखों से निकलने वाले धुएं से बचने के लिए विशेष सावधान रहना होगा। डाक्टरों का कहना है कि एलर्जी या फिर सांस से संबंधित किसी तरह की परेशानी है तो धुएं से थोड़ी दूरी बनाएं। थोड़ी सजगता त्योहार के आनंद को दोगुना कर देगी।

ऐसे पटाखे कम से कम जलाएं जो हानिकारक रसायन छोड़ते हैं

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे पटाखे कम से कम जलाएं जो हानिकारक रसायन छोड़ते हैं, जिनसे सांस, अस्थमा व सांस संबंधी परेशानी होती हो।

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यह भी ध्यान रखें कि पटाखे इतनी तेज आवास वाले न हों, जिसकी वजह से बहरापन, सिरदर्द, नींद की समस्या आदि पैदा हो। पटाखों की चिंगारियां त्वचा और आंखों में जलन का कारण बन सकती हैं। इससे आंखों में गंभीर चोट भी लग सकती है। इसलिए पूरी तरह सतर्कता के साथ पटाखे जलाएं।

बचाव के अपनाएं ये तरीके

  • पटाखे जलाते समय चश्मा और दस्तानों का उपयोग करें
  • बच्चों और बुजुर्गों को दूर रखें और खुद भी सुरक्षित दूरी पर पटाखे फोड़ें
  • आग बुझाने के लिए पानी या रेत पास में रखें
  • सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़े न पहनें
  • आंखों को सुरक्षा देने के लिए गागल्स पहनें
  • सनस्क्रीन और माइश्चराइज़र लगाएं
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पटाखों का धुआं दमा, अस्थमा और एलर्जी वाले मरीजों के लिए परेशानी पैदा कर देता है। ऐसे मरीज को धुएं से दूर रखें। पटाखा जलाते समय मुंह में एन-95 मास्क पहनें। जितना संभव हो, बचाव के हर तरीके अपनाएं। बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। -  डा. गौरव सिंघल, वरिष्ठ छाती व स्वांस रोग विशेषज्ञ, नीलकंठ अस्पताल

पटाखे से आंखों की रोशनी को लेकर सबसे अधिक खतरा रहता है। थोड़ी सी चूक से आंखों की रोशनी तक जा सकती है। इसलिए विशेष ध्यान रखें। गागल्स पहनें और पटाखे को दूर से जलाएं। अगर आंखों में बारूद चला गया तो रगड़ें नहीं। डा. जीएस तितियाल, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ,  एसटीएच

पटाखे फोड़ने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं ताकि हानिकारक केमिकल चेहरे व त्वचा को नुकसान न पहुंचाए। पटाखे फोड़ने से पहले मास्चराइजर का इस्तेमाल करें। ढीले कपड़ों के बजाय टाइट कपड़े पहनें। बचाव पर हर स्तर पर ध्यान रखें। -  डा. चिराग सैनी, चर्म रोग विशेषज्ञ, एसटीएच

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