इस पालने में कभी अनचाहा बच्चा मत डालना, नहीं तो ठंड ले लेगी जान
अनचाहे बच्चों को सहारा देने वाला पालना ही बेसहारा हो गया है। वैसे लोग दुआएं करते हैं कि इस पालने में कभी कोई बच्चा न आए, लेकिन वक्त का क्या भरोसा।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 09 Dec 2018 12:58 PM (IST)
सतेंद्र डंडरियाल, हल्द्वानी : अनचाहे बच्चों को सहारा देने वाला पालना ही बेसहारा हो गया है। वैसे लोग दुआएं करते हैं कि इस पालने में कभी कोई बच्चा न आए, लेकिन वक्त का क्या भरोसा। मां की गोद से जुदा होकर कब कौन बदनसीब इस पालने में पहुंच जाए। डर इस बात का है कि जिस हालत में पालना है उस स्थिति में कोई नवजात शिशु इसमें रख गया तो उसकी जान को खतरा हो सकता है। हालाकि यहां स्पष्ट लिखा है कि बच्चा रखने के बाद घंटी बजाएं।
महिला कल्याण विभाग के कालाढूंगी रोड स्थित जिला शरणालय एवं प्रवेशालय (महिला) में अनचाहे बच्चों के लिए एक पालना रखा गया है। जिसमें सर्दियों के मौसम में न तो बिस्तर रखा गया है और न ही नवजात शिशु के लिए किसी तरह के गर्म कपड़े रखे हैं। लोहे का पालना खाली पड़ा है और इसमें धूल जमी हैं। साथ ही बच्चों के रखने के स्थान पर लकड़ी की तख्ती लगाकर इसे बंद कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो जब से पालना रखा गया है, तब से लेकर आज तक इसमें कोई अनचाहा बच्चा नहीं रखा गया, लेकिन आगे भी इसमें कोई बच्चा नहीं रखेगा इसकी गारंटी नहीं है।
तख्ती से पालने का रास्ता बंदमहिला कल्याण विभाग के जिला शरणालय एवं प्रवेशालय के मुख्य द्वार की बाउंड्रीवाल पर एक खिड़की बनाकर पालना रखा गया है। जिसमें बाउंड्रीवाल के बाहर से कोई अनचाहे बच्चे को रख सकता है, लेकिन वर्तमान में लकड़ी की तख्ती लगाकर खिड़की को बंद कर दिया गया है। जिससे जरूरत पडऩे पर कोई बच्चे को नहीं रख सकता। बाउंड्रीवाल के भीतर छोटा सा टिनशेड है। इसमें दरवाजा नहीं है और पूरी तरह खुला हुआ है।
खिड़की से नीचे है पालना
बाउंड्रीवाल पर बनाई गई खिड़की से पालना काफी नीचे रखा गया है। शरणालय एवं प्रवेशालय का मुख्य गेट बंद होने की स्थिति में अनचाहे बच्चे को खिड़की से ही भीतर रखना होगा, लेकिन पालना नीचे होने पर बच्चा रखते समय वह चोटिल हो सकता है। नवजात शिशु की सुरक्षा को देखते हुए पालना खिड़की के इतने करीब होना चाहिए, जिससे बच्चे को रखते समय उसे कोई चोट न पहुंचे।यह भी पढ़ें : बालिका विद्यालय का जीआइसी में विलय स्वीकार नहीं, राजपुरा के लोगों ने किया विरोध
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।