पानी के लिए जेब होगी ढीली, 19 से 28 रुपये प्रतिमाह तक बढ़ेगा पेयजल बिल
जलसंस्थान के हल्द्वानी डिवीजन ने पेयजल की दरों में नौ फीसद की बढ़ोतरी की है। अब नए बिल 19 से 28 रुपये प्रतिमाह बढ़कर उपभोक्ताओं के पास पहुंचेंगे।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 08 Dec 2018 07:58 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : जलसंस्थान के हल्द्वानी डिवीजन ने पेयजल की दरों में नौ फीसद की बढ़ोतरी की है। अब नए बिल 19 से 28 रुपये प्रतिमाह बढ़कर उपभोक्ताओं के पास पहुंचेंगे। यही नहीं अप्रैल से बढ़ाए गए बिलों की वजह से नए टैरिफ के हिसाब से जलमूल्य का एरियर भी वसूला जाएगा। इस साल अप्रैल माह में पेयजल सचिव ने पेयजल की दरों में वार्षिक वृद्धि को स्थगित कर दिया था। 28 नवंबर को पेयजल सचिव ने पूर्व में निरस्त की गई जलमूल्य में वार्षिक वृद्धि के आदेश को वापस ले लिया है। नए आदेश के तहत एक अप्रैल 2018 से पुराने टैरिफ में नौ फीसद वार्षिक वृद्धि के हिसाब से जलमूल्य वसूला जाएगा।
जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि नया आदेश उनके कार्यालय में पहुंच गया है। अब उपभोक्ताओं ने नए टैरिफ के हिसाब से ही बिल वसूला जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में हल्द्वानी में 206 से 335 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से जलमूल्य वसूला जाता था। नए टैरिफ के हिसाब से पुराने जलमूल्य में 19 से 28 रुपये प्रतिमाह तक की वृद्धि हो जाएगी। इसके साथ ही शासन ने एक अप्रैल 2018 से ही बढ़ी दरों के हिसाब से जलमूल्य लेने के आदेश दिए हैं। अब उपभोक्ताओं से पुरानी अवधि का बिल एरियर के तहत बिलों में जोड़कर वसूला जाएगा।
कटौती के बाद भी बिल भेज रहा जल संस्थान, फंसा : जल संस्थान ने झील में जलस्तर बनाए रखने के लिए पेयजल सप्लाई पिछले साल की अपेक्षा आधी कर दी, लेकिन व्यावसायिक पेयजल कनेक्शन के बिल औसत आधार पर भेज दिए। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदन कर जल संस्थान की इस गड़बड़ी को उजागर किया है। एसोसिएशन अब जल संस्थान से अतिरिक्त वसूली गई रकम को आगे के बिलों में एडजस्ट करने की मांग की है। साथ ही मुख्यमंत्री तक भी मामला पहुंचा दिया गया है। दरअसल, इस साल जल संस्थान ने पहली बार शहर की पेयजल सप्लाई में कटौती की। पहले शहर में 24 घंटे पेयजल आपूर्ति होती थी। इस साल जल संस्थान द्वारा जनवरी से सितंबर तक हर माह आठ एमएलडी पानी की सप्लाई की गई। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश साह का कहना है कि जल संस्थान द्वारा कटौती के बाद भी पिछले साल के हिसाब से औसत बिल भेज दिए गए। आरटीआइ में दिए गए जवाब में जल संस्थान ने माना है कि अप्रैल 2017 से औसत आधार पर बिल भेजे जा रहे हैं, जबकि इसी माह से एडीबी द्वारा पुराने मीटर के स्थान पर ओएमआर मीटर लगाए गए। एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री के सचिव राजीव रौतेला को ज्ञापन देकर इस गड़बड़ी के बारे में बताया है। साथ ही अतिरिक्त रकम को एडजस्ट करने की मांग की है। साथ ही चेताया कि यदि रकम एडजस्ट नहीं की गई तो एसोसिएशन उपभोक्ता फोरम अथवा हाई कोर्ट में वाद दाखिल किया जाएगा। ईई जल संस्थान संतोष उपाध्याय एडीबी द्वारा मीटर लगाने का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। होटल एसोसिएशन की आपत्ति जायज है। एडीबी से मीटरों की गणना की रिपोर्ट मांगी गई है। उसका विश्लेषण किया जा रहा है। यदि औसत बिल मीटर के आंकड़ों के हिसाब से अधिक वसूला गया तो एडजस्ट किया जाएगा, जबकि कम होने पर वसूला जाएगा।
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