अमेरिकी जेल से जमानत पर छूटा ड्रग्स सौदागर बनमीत, पहुंचना था Haldwani; रास्ते से हुआ अंडरग्राउंड
Haldwani Crime ड्रग्स सौदागर बनमीत नरूला को शुक्रवार को उसे अपने घर हल्द्वानी पहुंचना था लेकिन ईडी के घर में होने की सूचना लीक होने पर वह रास्ते से अंडरग्राउंड हो गया। वह डार्क वेब पर एक मार्केटिंग साइट बनाकर प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करता था और अवैध साम्राज्य स्थापित कर लिया था। वर्ष 2019 में वह ब्रिटेन के लंदन में पकड़ा गया था।
दीप बेलवाल, जागरण हल्द्वानी : ड्रग्स सौदागर बनमीत नरूला चंद दिन पहले अमेरिका की जेल से जमानत पर छूट चुका है। शुक्रवार को उसे अपने घर हल्द्वानी पहुंचना था, लेकिन ईडी के घर में होने की सूचना लीक होने पर वह रास्ते से अंडरग्राउंड हो गया। बनमीत ईडी के हाथ नहीं चढ़ा, मगर उसका भाई गिरफ्त में आ चुका है।
इसी साल जनवरी में बनमीत सिंह को प्रतिबंधित दवाओं (ड्रग्स) के कारोबार के लिए अमेरिका में दोषी ठहराया गया था। बनमीत ने अमेरिका में इस अवैध कारोबार का मजबूत नेटवर्क बना लिया था। वर्ष 2019 में वह ब्रिटेन के लंदन में पकड़ा गया था। इसके बाद प्रत्यर्पित कर उसे अमेरिका ले जाया गया था।
प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करता था
वह डार्क वेब पर एक मार्केटिंग साइट बनाकर प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करता था और अवैध साम्राज्य स्थापित कर लिया था। जनवरी में जब बनमीत को पांच साल की सजा सुनाई गई तो वह सुर्खियों में आया था। पुष्ट सूत्रों के अनुसार, बनमीत कुछ दिन पहले अमेरिकी जेल से जमानत पर बाहर आ चुका है।उसकी वाट्सएप काल पर पत्नी से बात हुई थी। इसके साक्ष्य ईडी के हाथ भी चढ़े हैं। बनमीत ने स्वजन से शुक्रवार को घर आने की बात कही थी, मगर ईडी ने घर में छापा मार दिया। ईडी बनमीत को मनी लाड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर सकती थी, लेकिन घर में छापे की सूचना लीक हो गई। इसका फायदा उठाकर बनमीत रास्ते से ही गायब हो गया।
हमेशा वाट्सएप पर ही करता था बात
सूत्रों के अनुसार, बनमीत ने अपने स्वजन से जब भी बात की, वाट्सएप पर की। उसे पता था कि फोनकाल करता तो उसकी मुश्किलें बढ़ सकती थीं। ड्रग्स कारोबार को उसने अपने शातिर दिमाग से ही किया। इसमें सफल भी रहा।बनमीत का सबसे बड़ा हथियार डार्क वेब
बनमीत को पता था कि वह डार्क वेब से कारोबार करेगा तो कभी पकड़ में नहीं आएगा। जानकारों की मानें तो डार्क वेब पर सबकुछ उपलब्ध होता है। इसमें पकड़े जाने की चांस बहुत कम होते हैं, क्योंकि डार्क वेब सामान उपलब्ध कराने वाले का सही पता नहीं बताता। डार्क वेब खोलने के लिए टार ब्राउजर का इस्तेमाल होता है। इस वेब पर ड्रग्स से लेकर हथियार तक आसानी से मिल जाते हैं।
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