स्वास्थ्य अलर्ट : मौसम दे रहा दगा, खानी पड़ रही दवा
हर पल बदलते मौसम के मिजाज से बीमारियों का खतरा बढ़ गया हैं। बच्चे हों बूढ़े या फिर जवान। हर कोई अस्पताल के चक्कर लगा रहा है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 03 Mar 2019 11:21 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : हर पल बदलते मौसम के मिजाज से बीमारियों का खतरा बढ़ गया हैं। बच्चे हों, बूढ़े या फिर जवान। हर कोई अस्पताल के चक्कर लगा रहा है। आमतौर पर जनवरी-फरवरी तक विंटर डायरिया, खांसी, बुखार की समस्या कम हो जाती हैं, लेकिन इस बार मौसम लगातार बदलने से अब तक इन बीमारियों ने लोगों का पीछा नहीं छोड़ा है। मौसम बीमारियों से पीडि़त 165 से अधिक मरीज इलाज के लिए शनिवार को बेस अस्पताल पहुंचे।
बच्चों को सता रहीं बीमारियां
बच्चों में सबसे अधिक खांसी और बुखार के मरीज सामने आए हैं। शनिवार को करीब 150 बच्चे अस्पताल पहुंचे। इनमेंं नवजात भी शामिल हैं। बाल रोग वार्ड में अधिक मारामारी चल रही है।फिजीशियन नहीं, बाल रोग विशेषज्ञ देख रहे मरीज
अस्पताल में शनिवार को केवल एक डॉक्टर ही मरीजों का चेकअप कर रहे थे। खांसी, जुकाम, बुखार और कुत्ते के काटने से पीडि़त मरीजों की उनकी ओपीडी के बाहर लाइन लगी रही। फिजीशियन नहीं होने से बाल रोग विशेषज्ञ ही मरीजों को देख रहे थे।
ऐसे करें बचाव- बदलते मौसम में पैर, सिर और कानों को ढक कर रखें
- सब्जियों, फलों का करें सेवन- पानी का सेवन सबसे अधिक करें
- कम से कम छह से आठ घंटे की लें नींद - ब्लड शुगर और कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण रखने को नमक का कम करें सेवन
विंटर डायरिया के लक्षण-पेट में ऐंठन होना, जी मिचलाना
-हल्का सिरदर्द होना -अधिक चक्कर आना
-उल्टी व दस्त का शिकार होना
बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. नीरज त्रिपाठी ने बताया कि इस मौसम में सबसे अधिक डायरिया और खांसी बुखार के मरीज आ रहे हैं। जिनका यहां उपचार चल रहा है। अगर लोग सावधान रहेंगे तो बीमारी के गंभीर होने से बचा जा सकता है। डॉ. एसबी ओली, सीएमएस, बेस अस्पताल ने बताया कि फिजीशियन नहीं हैं। इससे दिक्कत होती है। इसके लिए विभाग को लिखा गया है। मरीजों के उपचार के लिए अन्य डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगाया गया है।यह भी पढ़ें : बिंदुखत्ता में कल लगेगा निश्शुल्क मल्टी सुपर स्पेशलिस्ट हेल्थ कैंप, तैयारियां पूरी
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