शिक्षा सचिव भूपेंदर कौर हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना से मुक्त
शिक्षा सचिव भूपेंदर कौर औलख को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आदेश का क्रियान्वयन होने के बाद उन्हें अवमानना के आरोप से मुक्त कर दिया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 07 Jan 2019 06:37 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन। शिक्षा सचिव भूपेंदर कौर औलख को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आदेश का क्रियान्वयन होने के बाद उन्हें अवमानना के आरोप से मुक्त कर दिया है।शिक्षा सचिव आज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में व्यक्तिगत रूप से पेश हुईं। उन्होंने कोर्ट में पूर्व के आदेश का पालन करने के सम्बन्ध में शपथपत्र पेश किया। जिसमें उन्होंने कर्मचारियों को बढ़े हुए भत्ते देने के बात कही है। इस आधार पर कोर्ट ने अवमानना के चार्ज से उनको मुक्त करते हुए अवमानना याचिका को निस्तारित कर दिया।
काशीपुर निवासी सुभाष व पांच अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनकी नियुक्ति कॉन्ट्रेक्ट आधार पर सर्व शिक्षा अभियान में सिस्टम एनालिसिस के पद पर हुई। सरकार ने 11 मार्च 2005 को ये पद सृजित किये थे । इस जीओ में साफ रूप से वर्णित था कि उनको बढ़ते रेट के आधार पर अन्य भत्ते दिए जायेंगे। परन्तु उनको बढ़े हुए अन्य भत्ते नहीं दिए गए। जिसे याचिकाकर्ताओ द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी । 10 जून 2013 की एकलपीठ ने सरकार को निर्देश दिए थे कि आठ सप्ताह के भीतर याचिकर्ताओ को भत्ते दें परन्तु सरकार द्वारा उनको नही दिया और सरकार द्वारा विशेष अपील दायर की जिसे खण्डपीठ ने खारिज कर दिया था।
इस आदेश को सरकार द्वारा एसएलपी दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी ।सुप्रीम कोर्ट ने छह दिसम्बर 2016 को सरकार की अपील खारीज कर दी। 17 जुलाई 2017 को याचिकाकर्ताओ द्वारा हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी पूर्व में एकलपीठ ने पूर्व के आदेश का पालन नही होने पर शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे और उनको अवमानना का दोषी माना था।
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