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बुजुर्गों को मिल गई 'ममता', अब नहीं खलेगा अकेलापन

जिंदगीभर की पूंजी लगाकर खड़े किए गए आशियानों में भी जिंदगी बेचैन होने लगती है। बुजुर्गों की इसी उम्मीद को पूरा करने के लिए पार्षद बनीं ममता मनोज जोशी ने अनूठी पहल की है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 08 Dec 2018 07:59 PM (IST)
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बुजुर्गों को मिल गई 'ममता', अब नहीं खलेगा अकेलापन
सतेंद्र डंडरियाल, हल्द्वानी। बुजुर्गों को उम्र के अंतिम पड़ाव में अपनों के सहारे की जरूरत होती है, लेकिन जब अपने आसपास न हों तो बुजुर्गों का ख्याल कौन रखे। आराम की जिंदगी बिताने के लिए जिंदगीभर की पूंजी लगाकर खड़े किए गए आशियानों में भी जिंदगी बेचैन होने लगती है। धुंधली हो चुकी आंखें पड़ोस के लोगों में उम्मीदों की रोशनी ढूंढती है। आखिर कोई तो होगा जो इन बुजुर्गों की पीड़ा सुनेगा और जरूरत पडऩे पर मदद करेगा। बुजुर्गों की इसी उम्मीद को पूरा करने के लिए नगर निगम के वार्ड 39 से पहली बार निर्दलीय पार्षद बनीं ममता मनोज जोशी ने अनूठी पहल की है। लोहरियासाल मल्ला धार बिठौरिया में ममता अपने वार्ड के बुजुर्गों के लिए उम्र के इस पड़ाव पर आशा कि किरण लेकर आई हैं। जब कोई नहीं होगा तो वह हर पल बुजुर्गों की मदद के लिए तैयार रहेंगी। उन्होंने अपने वार्ड के बुजुर्गों से वादा किया है कि अब उनकी देखभाल की जिम्मेदारी उनकी होगी। इसके लिए ममता ने पैंफ्लेट छपाकर पूरे वार्ड में बांटे। ममता के इस नेक काम में उनके पति मनोज जोशी व मोहल्ले के ही नौसेना से सेवानिवृत्त सैनिक संजय शाह सहित अन्य लोग साथ निभा रहे हैं।

वार्ड में रहते हैं 39 बुजुर्ग : लोहरियासाल मल्ला धार बिठौरिया में साठ वर्ष आयु से अधिक उम्र के तकरीबन 39 बुजुर्ग रहते हैं। इनमें ज्यादातर बुजुर्ग दंपती ऐसे हैं जिनके बेटे, बहू और परिवार के अन्य सदस्य बाहर रहते हैं। बुढ़ापे की बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों को मदद पहुंचाने के लिए ममता जोशी ने सभी को अपना फोन नंबर दिया है, जो चौबीस घंटे खुला रहेगा। किसी भी तरह की तकलीफ महसूस होने पर बुजुर्ग अपनी पार्षद को फोन कर सकेंगे।

बुजुर्गों को मिलेंगी ये सुविधाएं : किसी बुजुर्ग की दवा खत्म हो गई है तो वह फोन करके दवा मंगा सकेगा। ममता, उनके पति मनोज जोशी और अन्य लोग बुजुर्ग के घर जाकर पैसे और दवा का पर्चा लेंगे और बुजुर्ग को दवा लाकर देंगे। अगर डॉक्टर के पास ले जाना है तो ऑटो, रिक्शा की व्यवस्था कर डॉक्टर के पास भी ले जाया जाएगा। अगर कोई बुजुर्ग अकेलापन महसूस करते हैं और किसी की बात से परेशान हैं तो वह भी फोन कर सकते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन के लिए उनके घर पर जाकर ही आवेदन भरवाया जाएगा। पार्षद ममता जोशी बताती हैं कि निगम चुनाव के बाद शहर में एक घटना हुई, जिसमें एक बुजुर्ग दंपती ने दुखद कदम उठाकर संसार को अलविदा कह दिया। इस घटना ने मुझे झकझोर दिया। इसके बाद ही बुजुर्गों के लिए यह पहल की गई।

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