महंगे कृषि उपकरणों तक आसान हुई आर्थिक रूप से कमजोर किसानों की पहुंच
वर्ष 2018 की शुरूआत में कृषि विभाग ने कुमाऊं के उन किसानों को बड़ी राहत दी जिनके पास कृषि कार्य करने के लिए ट्रैक्टर और महंगे आधुनिक कृषि उपकरणों की कमी रहती थी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 01 Jan 2019 09:25 PM (IST)
सतेंद्र डंडरियाल, हल्द्वानी : वर्ष 2018 की शुरुआत में कृषि विभाग ने कुमाऊं के उन किसानों को बड़ी राहत दी जिनके पास कृषि कार्य करने के लिए ट्रैक्टर और महंगे आधुनिक कृषि उपकरणों की कमी रहती थी। किसानों को मशीन, संयंत्र और उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कुमाऊं के सभी छह जिलों में फार्म मशीनरी बैंक योजना की शुरुआत की गई। योजना के तहत किसानों ने खुद अपना समूह बनाकर फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की, जिसके लिए कृषि विभाग ने किसानों को 80 प्रतिशत तक अनुदान राशि उपलब्ध करवाई। एक साल के भीतर पूरे कुमाऊंभर में 169 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए गए। जिनके जरिये तकरीबन एक लाख से ज्यादा छोटे किसानों को फायदा मिला।
कृषि उपकरण उपलब्ध कराने वाले इन बैंकों से छोटे-बड़े सभी किसानों को कृषि संयंत्र और अन्य उपकरण किराये पर लेने की सुविधाएं मुहैया कराई गई। केंद्र सरकार के सन 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग के माध्यम से फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापना करने की योजना को धरातल पर उतारा। योजना के तहत किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। जिसमें फार्म मशीनरी बैंक योजना छोटे किसानों के लिए काफी मुफीद साबित हुई। योजना के अंतर्गत प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर कम से कम 10 किसानों का एक समूह बनाया गया। अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद किसान समूहों ने अपने-अपने क्षेत्र के किसानों की जरूरत के मुताबिक कृषि मशीन, संयंत्र व उपकरण खरीदने का प्रस्ताव बनाकर कृषि विभाग को भेजा। जिसके बाद विभाग ने समूह के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये अनुदान की धनराशि उपलब्ध करवाई। जिससे अपनी जरूरतों के हिसाब से कृषि यंत्र व उपकरण खरीदकर फार्म मशीनरी बैंक में रखे गए।
कृषि उपकरण उपलब्ध कराने वाले इन बैंकों से छोटे-बड़े सभी किसानों को कृषि संयंत्र और अन्य उपकरण किराये पर लेने की सुविधाएं मुहैया कराई गई। केंद्र सरकार के सन 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग के माध्यम से फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापना करने की योजना को धरातल पर उतारा। योजना के तहत किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। जिसमें फार्म मशीनरी बैंक योजना छोटे किसानों के लिए काफी मुफीद साबित हुई। योजना के अंतर्गत प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर कम से कम 10 किसानों का एक समूह बनाया गया। अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद किसान समूहों ने अपने-अपने क्षेत्र के किसानों की जरूरत के मुताबिक कृषि मशीन, संयंत्र व उपकरण खरीदने का प्रस्ताव बनाकर कृषि विभाग को भेजा। जिसके बाद विभाग ने समूह के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये अनुदान की धनराशि उपलब्ध करवाई। जिससे अपनी जरूरतों के हिसाब से कृषि यंत्र व उपकरण खरीदकर फार्म मशीनरी बैंक में रखे गए।
किसानों को 80 फीसदी सब्सिडी का दिया लाभ
फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए न्यूनतम लागत दस लाख रुपये रखी गई। जिसमें विभाग ने 80 फीसदी अनुदान दिया, जबकि 10 प्रतिशत धनराशि संबंधित लाभार्थी समूह को फार्म मशीनरी बैंक बनाने के लिए स्वयं जमा करनी पड़ी। क्रय की गई मशीनों के रख-रखाव व आरटीओ के पंजीयन तथा बीमा आदि पर आने वाले खर्च की व्यवस्था लाभार्थी समूह ने स्वयं की।
फार्म मशीनरी बैंक इन यंत्रों की मिली सुविधा
जिन कृषि यंत्रों को किसान अकेले नहीं खरीद सकते थे वह फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से आसानी से मिले। फार्म मशीनरी बैंक में ट्रैक्टर, रोटा वेटर, थ्रैसर, सीड ड्रिल, पावर ट्रिलर, जीरोट्रिल सीड ड्रिल, डिस्कबंड फार्मर, पावर स्प्रेयर, नैपसेक स्प्रेयेर, सिंचाई पाइप, पंपसेट जैसे उपकरण खरीद गए, जो आधुनिक खेती के लिए जरूरी हैं।
कुमाऊं में जिलेवार फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापनाअल्मोड़ा 36
बागेश्वर 21चंपावत 11
नैनीताल 55पिथौरागढ़ 26
उधमसिंहनगर 20यह भी पढ़ें : नए साल पर मिली खुशखबरी, यूओयू के लिए 15 डिग्री कोर्सो को यूजीसी ने दी अनुमति
यह भी पढ़ें : प्रदेश के नौ लाख बेरोजगारों को मिल सकता है भत्ते का तोहफा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।