मृतक आश्रित कोटे से नौकरी के लिए फर्जी प्रमाणपत्र लगाना महिला क्लर्क को पड़ा महंगा
मृतक आश्रित कोटे से नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र का सहारा लेना महिला क्लर्क को महंगा पड़ गया। महिला पर कंप्यूटर का फर्जी प्रमाणपत्र लगाने का आरोप है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 26 May 2019 10:44 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : मृतक आश्रित कोटे से नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र का सहारा लेना महिला क्लर्क को महंगा पड़ गया। महिला पर कंप्यूटर का फर्जी प्रमाणपत्र लगाने का आरोप है। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इससे पहले पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश किया।
पुलिस के मुताबिक रामपुर रोड स्थित एचएन इंटर कॉलेज में रामनगर निवासी महिला सीमा अग्रवाल की मृतक आश्रित कोटे से क्लर्क के पद पर नौकरी लगी थी। महिला के पति पंकज अग्रवाल एमपी इंटर कॉलेज रामनगर में तैनात थे। 2015 में ड्यूटी के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। शिक्षा विभाग ने सीमा को एक साल पहले मृतक आश्रित कोटे से बतौर क्लर्क एचएन इंटर कालेज में नियुक्ति दी। कॉलेज प्रबंधन को उसके कंप्यूटर सर्टिफिकेट पर शक हुआ व उसकी आंतरिक जांच कराई गई। जांच में कंप्यूटर सर्टिफिकेट के फर्जी होने की पुष्टि हुई। यह भी पता चला कि जिस संस्थान का नाम प्रमाणपत्र में था, उसने इस तरह काप्रमाणपत्र जारी नहीं करने की बात कही।
मामले में स्कूल प्रबंधन ने सीमा के खिलाफ कोर्ट में शिकायत करा दी। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने शनिवार को सीमा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले की जांच मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी केएस नेगी को सौंपी गई है। नेगी ने बताया कि सीमा के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। शनिवार को कोर्ट में पेशी के बाद महिला को जेल भेज दिया गया।
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