ट्रांसपोर्टर और ठेकेदार के गुर्गों में जमकर मारपीट, फायरिंग कर फैलाई दहशत
कोसी के कठियापुल गेट पर खनन के वाहनों में चिप लगाने को लेकर ट्रांसपोर्टर व ठेकेदार के गुर्गे भिड़ गए। मौके पर जमकर लाठी डंडे चलने के साथ ही दहशत फैलाने के लिए फायरिंग भी हुई।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 02 Feb 2019 08:51 PM (IST)
रामनगर, जेएनएन : कोसी के कठियापुल गेट पर खनन के वाहनों में चिप लगाने को लेकर ट्रांसपोर्टर व ठेकेदार के गुर्गे भिड़ गए। मौके पर जमकर लाठी डंडे चलने के साथ ही दहशत फैलाने के लिए फायरिंग भी हुई। जिसमें ठेकेदार के दो लोग चोटिल हो गए। ठेकेदार ने फायरिंग व मारपीट की तहरीर दी। ट्रांसपोर्टरों की ओर से भी वाहनों से वसूली का आरोप लगाते हुए तहरीर दी गई है।
वन निगम द्वारा कठियापुल गेट पर खनन के वाहनों में आरएफआइडी चिप लगाने के लिए गगन कांबोज को ठेका दिया है। गुरुवार को ठेकेदार के लोग बिना चिप लगे वाहनों की वीडियो बनाने लगे। इस दौरान ट्रांसपोर्टर व ठेकेदार के लोगों के बीच विवाद हो गया। जिसमें ठेकेदार के साथ काम कर रहे सिमरजीत सिंह व रवि कुमार के चोट आई। दोनों ने संयुक्त चिकित्सालय पहुंचकर अपना उपचार कराया। इसके बाद दोनों पक्ष कोतवाली पहुंच गए। पीरूमदारा निवासी ट्रांसपोर्टर चरनजीत सिंह ने प्रति वाहन 500 रुपये वसूली का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। तहरीर में अवैध वसूली में सत्ता से जुड़े लोगों पर भी आरोप लगाए गए हैं। उधर काशीपुर निवासी ठेकेदार गगन कांबोज ने भी तहरीर देकर आरोप लगाया कि गुरुवार को उसके कर्मचारी चिप लगा रहे थे। करीब सात लोग वहां आए और उसके कर्मचारियो से चिप मांगने लगे। विरोध करने पर उनके द्वारा मारपीट तथा फायरिंग भी की गई। पीरूमदारा चौकी इंचार्ज विपिन जोशी ने बताया कि दोनों पक्षों ने तहरीर दी है। मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि मारपीट हुई है, लेकिन फायरिग के आरोप गलत है।
क्षेत्र में खनन को लेकर खराब हो रहे हालत
क्षेत्र में अवैध खनन हमेशा से ही चर्चाओं में रहा है। लेकिन अब जिस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं, और उसमें अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता से जुड़े लोगों पर दखलअंदाजी के आरोप लग रहे हैं। वह भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। अवैध खनन हो या वसूली को लेकर विवाद की चिंगारी। यह कभी भी भड़ककर आपसी खूनी संघर्ष का रूप अख्तियार कर सकती है।
गुरुवार को कठियापुल पर ट्रांसपोर्टर व ठेकेदार के लोगों के बीच हुआ विवाद एक बानगी भर है। कोसी नदी से ओवरलोड उपखनिज भरकर लाया जाता है। बुधवार को मारे गए छापे के दौरान भी एडीएम हरवीर सिंह को कठियापुल गेट पर वाहनों पर नजर रखने वाले कैमरे बंद मिले थे। जिस पर एडीएम ने गेट कर्मियों को सुधर जाने की लताड़ लगाई थी। कैमरे बंद मिलना कहीं न कहीं अवैध रूप से लाए जा रहे उपखनिज की ओर इशारा करता है। खनन गेटों में ओवरलोड उपखनिज लेकर आ रहे वाहनों से वसूली की शिकायत भी आम बात है। ट्रांसपोर्टर की ओर से जो नामजद तहरीर दी गई है, उसमें कहा गया है कि बाहरी तीन लोग खुद को वन मंत्री का आदमी बताकर उनसे पैसे वसूलने के लिए धमका रहे हैं। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन सत्ता के नजदीकी लोगों के नाम सामने आने से सरकार की छवि पर भी असर पड़ता है।
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