ऊधम सिंह नगर में बाढ़ : नैनीताल हाईवे तक पहुंचा लेवड़ा नदी का पानी, बाढ़ में कई घर डूबे, कच्चे मकान ढहे
Flood in Udham Singh Nagar बाढ़ का पानी कई घरों में घुस गया है। नैनीताल हाईवे भी इस बाढ़ के पानी में डूब गया है। अनेक स्थानों पर पानी की निकासी पर्याप्त नहीं होने के चलते जगह-जगह जलभराव की स्थिति भी उत्पन्न हो गई।
By JagranEdited By: Rajesh VermaUpdated: Sun, 25 Sep 2022 04:57 PM (IST)
संवाद सहयोगी, बाजपुर : Flood in Udham Singh Nagar : मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार जारी बरसात के चलते नदियां उफान पर आ गई हैं। क्षेत्र में राजीव काॅलोनी के सामने लेवड़ा नदी (levada river) ने कटान कर दिया है, जिसके चलते बंधा क्षतिग्रस्त हो गया है। बाढ़ का पानी कई घरों में घुस गया है। नैनीताल हाईवे भी इस बाढ़ के पानी में डूब गया है। वहीं, कॉलोनियों में जलभराव के चलते खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है।
अधिकारी कर रहे दौरा
इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी अनेक कच्चे घर क्षतिग्रस्त होने व घरों में पानी घुसने से हालात खराब हो रहे हैं। लगातार प्रशासनिक अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। सभी बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया है। जहां अधिक जलभराव की स्थिति है, वहां से लोगाें को निकटवर्ती क्षेत्रों में अस्थायी तौर पर ठहरने की व्यवस्था की गई है। प्रशासन के अनुसार अभी कहीं से भी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। हल्का पटवारी अपने-अपने क्षेत्रों में जायजा ले रहे हैं।ये भी पढ़ें : Video : उत्तराखंड के रामनगर में अचानक नाले में बहने लगी कार, पर्यटकों ने कूदकर बचाई जान
तेजी से बढ़ा इन नदियों का जलस्तर
शनिवार की रातभर तेज बारिश होती रही, जो रविवार शाम तक जारी रही, जिसके चलते क्षेत्रभर में जलभराव की समस्या बनी हुई है। पर्वतीय क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण लेवड़ा, गड़री, गड़प्पू के साथ ही कोसी-दाबका नदियों का भी जलस्तर काफी बढ़ गया है। इससे इन नदियों के आसपास रह रहे परिवार सहमे हुए हैं।नैनीताल हाईवे पर चार फीट तक पानी
बांकेनगर, शक्तिनगर, राजीवनगर, इंदिरा कॉलोनी, भोना कॉलोनी, चकरपुर, गुमसानी, धनसारा आदि के नदी के आसपास बसे परिवारों की समस्या अधिक विकट होती जा रही है। गांवों में हालात काफी खराब हो गए हैं। लेवड़ा नदी पुल के पास नैनीताल-बाजपुर मुख्यमार्ग पर तीन से चार फिट पानी नहर के रूप में बह रहा है। वहीं इस बारिश से अधिकांश खेतों में धान की फसल के साथ ही गन्ने को भारी नुकसान हुआ है। अनेक स्थानों पर पानी की निकासी पर्याप्त नहीं होने के चलते जगह-जगह जलभराव की स्थिति भी उत्पन्न हो गई।किसानों को भारी नुकसान
तहसीलदार यूसुफ अली ने बताया कि क्षेत्र में कहीं से भी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन कई काॅलोनियों व घरों में जलभराव हो गया है, जिसकी वजह से इन परिवारों को परेशानी उठानी पड़ रही है। प्रभावित परिवारों को फौरी तौर पर आर्थिक मदद पहुंचाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। वहीं इस बारिश से किसान को काफी नुकसान हुआ है। खेतों में खड़ी उड़द की फसल के साथ ही मवेशियों के चारे के लिए बोया गया चारा भी नष्ट हो गया है। ये भी पढ़ें : टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे बंद, गैस, अखबार, सब्जी के वाहन, टैक्सियां फंसीखेतों में ही बिछ गई कई एकड़ फसल
बारिश से किसानों की गन्ने व धान की फसल खेतों में बिछ गई है। मौसम की मार ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है तथा उन पर आर्थिक संकट गहरा गया है। ग्राम विक्रमपुर, इकघरा, नंदपुर नरकाटोपा, केशोवाला, रेहंटा, बेरिया दौलत, बरहैनी, बन्नाखेड़ा आदि में सैकड़ों एकड़ धान, गन्ने की खड़ी फसल जमीन पर बिछ गई है। जिसमें पानी बहने से धान की बालियां मिट्टी व बालू में दबकर खराब हो रही हैं।ढहने लगे आशियाने
बारिश की मार सबसे अधिक गरीबों पर ही पड़ रही है। लगातार हो रही बारिश से उनके आशियाने ढहने लगे हैं और प्रभावित परिवार या तो खुले आसमान के नीचे भीगने को मजबूर हैं या फिर आस-पड़ोस में शरण लिए हुए हैं। विकासखंड क्षेत्र में अनेक स्थानों पर कच्चे मकान व छप्पर बारिश के चलते धराशायी होने की सूचना है। स्थानीय लोग पीड़ित परिवारों के घर जाकर उनके रहने व खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं। साथ ही स्थानीय प्रशासन से उचित मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।सभी हल्का पटवारियों को बारिश से हुई क्षति का आंकलन करने के आदेश दिए जा चुके हैं, जो भी रिपोर्ट आएगी उसी के अनुरूप आपदा मद से राहत प्रदान की जाएगी। अभी तक किसी के भी द्वारा नुकसान की लिखित सूचना नहीं दी गई है।
-यूसुफ अली, तहसीलदार बाजपुर