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Nainital News: 26 साल से बलियानाला प्रभावितों को नोटिस थमा रही पालिका

नोटिस देकर अपने मकान खाली करने की यह औपचारिकता तीन जुलाई 1996 से या तकरीबन विगत 26 साल से एक परंपरा के रूप में हर वर्ष निभाई जाती है। इन सालों में करीब 50 करोड़ खर्च करने के बाद भी भू कटाव थमना तो दूर और तेजी से हो रहा।

By Prashant MishraEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2022 08:27 PM (IST)
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बलियानाला ट्रीटमेंट में पिछले तीन चार सालों में नाबार्ड से 30 करोड़ की धनराशि खर्च की है
जागरण संवाददाता, नैनीताल: शहर की तलहटी से लगी पहाड़ी बलियानाला में लगातार हो रहा भूस्खलन प्रभावित परिवारों की नींद उड़ा रहा है। नगरपालिका की ओर से प्रभावित परिवारों को बारिश से पहले विस्थापन के नोटिस थमा दिए हैं। प्रभावितों का आरोप है कि नगरपालिका व प्रशासन बलियानाला ट्रीटमेंट को लेकर गंभीर नहीं है।

शहर के वरिष्ठ नागरिक व पूर्व पालिका सभासद डीएन भट्ट का कहना है कि पिछले 26 साल से पालिका व प्रशासन हर साल बलियानाला प्रभावित क्षेत्रों क्षेत्र के लोगों को नोटिस दे कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर रहा है। यह बरसात प्रारंभ होने से पहले परंपरा सी बन गई है।

नोटिस देकर अपने मकान खाली करने की यह औपचारिकता तीन जुलाई 1996 से या तकरीबन विगत 26 साल से एक परंपरा के रूप में हर वर्ष निभाई जाती है। इन सालों में करीब 50 करोड़ खर्च करने के बाद भी बलियानाला का भू कटाव थमना तो दूर बल्कि और ज्यादा तेजी के साथ भू कटाव हो रहा है।

पूर्व सभासद के अनुसार बलियानाला ट्रीटमेंट में पिछले तीन चार सालों में नाबार्ड से 30 करोड़ की धनराशि खर्च की है, इसमें अधिकांश बजट की बंदरबांट हुई है। उन्होंने जिला प्रशासन व सरकार से बलियानाला का स्थाई रूप से ट्रीटमेंट करने व बंदरबांट में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग उठाई है।

गाँव मे कूड़ाघर बनाने का ग्रामीणों ने जताया विरोध

भवाली: फ़रसौली के ग्रामीणों ने मंदिर के समीप बनाए जा रहे कूड़ेघर का विरोध जताया है। ग्रामीणों ने कूड़े घर को उक्त स्थान पर न बनाकर अन्य जगह लगाने की मांग की है। इस सम्बंध में उन्होंने पालिकाध्यक्ष को पत्र सौपा है। पत्र से ग्रामीणों ने पालिकाध्यक्ष को बताया कि नगर पालिका भवाली द्वारा फ़रसौली में कूड़ा जिस स्थान पर कूड़ाघर बनाया जा रहा है, उसके ठीक नीचे गंगनाथ मंदिर, रोडवेज कार्यशाला व आसपास दर्जनों आवासीय भवन है।

रोजाना स्कूली बच्चों समेत ग्रामीण इस मार्ग से आवाजाही करते हैं। इस स्थान पर कूड़ा घर बनाना ग्रामीणों के लिए हानिकारक है। इससे प्रदूषण व भयावह बीमारी फैल सकती हैं। साथ ही यह जलस्रोत व वातावरण को भी प्रदूषित करेगा। उक्त स्थान पर कूड़ेघर का समस्त ग्रामीण विरोध करते है।

उन्होंने कूड़ाघर न बनाने के सम्बंध में पालिकाध्यक्ष को पत्र भेजा है। जिसमे उन्होंने गाँव मे कूड़ाघर न बनाने की मांग की है। साथ ही आंदोलन की चेतावनी भी दी है। ग्राम प्रधान विनोद आर्य ने बताया कि कूड़े घर का ग्रामीण विरोध कर रहे है। फिलहाल पालिकाध्यक्ष को पत्र सौपकर विरोध जताया गया है।

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