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भीमताल के एक्‍वेरियम की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगी विदेशी मछलियां

भीमताल झील के टापू में निर्मित एक्वेरियम फिर से आबाद किया जाएगा। अब एक्वेरियम में न केवल देश-विदेश की मछलियां नजर आएंगी बल्कि समुद्री मछलियों को भी देखने का मौका मिलेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 24 Feb 2019 10:01 PM (IST)
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भीमताल के एक्‍वेरियम की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगी विदेशी मछलियां
भीमताल, जेएनएन : भीमताल झील के टापू में बना एक्वेरियम फिर से आबाद किया जाएगा। पर्यटकों को झील के टापू में बने एक्वेरियम में न केवल देश-विदेश की मछलियां नजर आएंगी बल्कि समुद्री मछलियों को भी देखने का मौका मिलेगा।

एक्वेरियम की देखरेख का जिम्मा संभालने वाले जिला विकास प्राधिकरण ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो पर्यटन सीजन से पूर्व एक्वेरियम के भीतर बने मैरीन टैंक में समुद्र की दुर्लभ मछलियां आ जाएंगी। देखरेख के अभाव में समाप्त हो चुकी मछलियों की विभिन्न प्रजातियों को यहां फिर से संग्रहित किया जाएगा। इसके लिए जिला विकास प्राधिकरण ने एक्वेरियम को निजी हाथों में देने का निर्णय लिया है। करीब 1.40 करोड़ की लागत से भीमताल में मछलियों का संसार बसाया गया था। इसमें रखी कई दुर्लभ प्रजाति की मछलियां देखरेख के अभाव में दम तोड़ती चली गई।

अब चूंकि एक्वेरियम को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया है तो एक्वेरियम में पूर्व की भांति रेनबो, टेट्रा, एंजिल फिश, मौलस, बार्ब, ट्रंडिल, शॉर्ट टेल समेत अनेक प्रजातियों की मछलियों को देखने का मौका पर्यटकों को मिलेगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक मैरीन टैंक में स्टार फिश, स्कैट फिश, लायन फिश, तथा समुद्री एंजिल भी दिखाई देंगी। 1998 में जब एक्वेरियम को डेढ़ करोड़ की लागत से स्थापित किया गया था, उस वक्त इसमें 33 टैंकों में 70 प्रजाति की लगभग 500 मछलियों को रखा गया था। ठीक तरह से देखभाल नहीं होने के कारण यह मछलियां मरती चली गई। एक्वेरियम को आबाद करने की कोशिश वर्ष 2012 में भी की गई थी। तब से यह एक निजी कंपनी के पास है, पर वर्तमान में निजी कंपनी भी इसकी देखभाल नहीं कर पा रही है, इसलिए नई शर्तो के साथ एक्वेरियम को एकबार पुन: निजी हाथों में देने का निर्णय जिला विकास प्राधिकरण ने लिया है।

निजी हाथों में दिया जाएगा एक्‍वेरियम

सीएम साह, परियोजना अधिकारी जिला विकास प्राधिकरण ने बताया कि एक्वेरियम को निजी हाथों में देने का निर्णय लिया गया है। संबधित कार्य संपादित करने के लिए प्रस्ताव बना लिया गया है। उच्चाधिकारियों के हस्ताक्षर के बाद आगे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी

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