हल्द्वानी में कैंसर इंस्टीट्यूट बनने की उम्मीद जगी, वन विभाग दे सकता है अनुमति
राजकीय मेडिकल कॉलेज की भूमि पर वन विभाग की आपत्ति निस्तारित हो सकती है। इसके लिए दो दिन पहले वन विभाग के अधिकारी निरीक्षण कर चुके हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 04 Feb 2019 07:44 PM (IST)
जेएनएन, जेएनएन : राजकीय मेडिकल कॉलेज की भूमि पर वन विभाग की आपत्ति निस्तारित हो सकती है। इसके लिए दो दिन पहले वन विभाग के अधिकारी निरीक्षण कर चुके हैं। इससे स्वामी राम कैंसर संस्थान के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनने की उम्मीद भी जाग गई है। हालांकि, इसके लिए शासन स्तर पर 152 स्थायी पद स्वीकृत हो चुके हैं। अब चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए जोरशोर से तैयारी कर दी है।
120 करोड़ रुपये का है प्रोजेक्ट
भारत सरकार के विशेष प्रोजेक्ट के तहत स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाया जाना है। इसके लिए 120 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। 90 फीसद बजट केंद्र व 10 फीसद बजट राज्य सरकार को देना है।19 विभागों में बनेंगे 109 बेड
स्टेट कैंसर इंस्टीट्ूयट में 19 विभाग बनेंगे। इसके लिए 100 बेड जनरल और नौ बेड का आइसीयू बनाया जाना है। इसके लिए खाका तैयार हो चुका है।
भारत सरकार के विशेष प्रोजेक्ट के तहत स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाया जाना है। इसके लिए 120 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। 90 फीसद बजट केंद्र व 10 फीसद बजट राज्य सरकार को देना है।19 विभागों में बनेंगे 109 बेड
स्टेट कैंसर इंस्टीट्ूयट में 19 विभाग बनेंगे। इसके लिए 100 बेड जनरल और नौ बेड का आइसीयू बनाया जाना है। इसके लिए खाका तैयार हो चुका है।
ये था वन विभाग का विवाद
वर्ष 1990 से वन भूमि में डॉ. सुशीला तिवारी चिकित्सालय बना। इसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज व स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट के रूप में इसका विस्तार हुआ। 2010 तक यह संस्थान ट्रस्ट के अधीन संचालित था। संस्थान के मुखिया वन विभाग के अधिकारी हुआ करते थे। इसके बाद से इसे चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया। धीरे-धीरे विवाद बढ़ा। वन विभाग ने निर्माण कार्य पर आपत्ति लगा दी। इसके चलते इस संस्थान में तमाम प्रोजेक्ट अटक गए। अब एक बार फिर चिकित्सा शिक्षा व वन विभाग के बीच बातचीत चल रही है। जल्द शुरू करवा दिया जाएगा काम
डॉ. केसी पांडे, विभागाध्यक्ष, स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों का निरीक्षण हो चुका है। इस निरीक्षण के बाद तमाम चीजें क्लीयर हो जाएंगी। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को बनाने के लिए जोरशोर से प्रयास चल रहे हैं। उम्मीद है जल्द ही काम भी शुरू करवा दिया जाएगा।
वर्ष 1990 से वन भूमि में डॉ. सुशीला तिवारी चिकित्सालय बना। इसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज व स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट के रूप में इसका विस्तार हुआ। 2010 तक यह संस्थान ट्रस्ट के अधीन संचालित था। संस्थान के मुखिया वन विभाग के अधिकारी हुआ करते थे। इसके बाद से इसे चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया। धीरे-धीरे विवाद बढ़ा। वन विभाग ने निर्माण कार्य पर आपत्ति लगा दी। इसके चलते इस संस्थान में तमाम प्रोजेक्ट अटक गए। अब एक बार फिर चिकित्सा शिक्षा व वन विभाग के बीच बातचीत चल रही है। जल्द शुरू करवा दिया जाएगा काम
डॉ. केसी पांडे, विभागाध्यक्ष, स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों का निरीक्षण हो चुका है। इस निरीक्षण के बाद तमाम चीजें क्लीयर हो जाएंगी। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को बनाने के लिए जोरशोर से प्रयास चल रहे हैं। उम्मीद है जल्द ही काम भी शुरू करवा दिया जाएगा।
भारत सरकार ने मांगा जवाब
डॉ. पराग मधुकर धकाते, वन संरक्षक, पश्चिमी सर्किल ने बताया कि भारत सरकार ने शर्तों को लेकर जवाब मांगा है। इसी को देखने के लिए निरीक्षण किया गया। कुछ जानकारियां और मांगी गई हैं। एक-दो दिन में पूरी रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार को भेज दी जाएगी। वैसे इसमें वन विभाग अड़ंगा नहीं बनेगा। यह भी पढ़ें : आरपीएफ की परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थी को गार्डों ने बेरहमी से पीटा, जानिए कारण
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