Cyber Crime मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर ठगों ने ताइवान जा रहे कोरियर में ड्रग्स संग उनका आधार व पैन कार्ड मिलने की बात कहते हुए धमकाया। ठगों ने उन्हें 24 घंटे आनलाइन अरेस्ट रखा और बैंक खाते में चार लाख रुपये डलवा लिए। मुखानी थानाध्यक्ष पंकज जोशी ने बताया कि अज्ञात ठगों पर धोखाधड़ी की धारा में प्राथमिकी की है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Cyber Crime: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हरिहर प्रसाद शुक्ला को साइबर ठगों ने आनलाइन अरेस्ट कर लिया। मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर ठगों ने ताइवान जा रहे कोरियर में ड्रग्स संग उनका आधार व पैन कार्ड मिलने की बात कहते हुए धमकाया। इसके बाद 24 घंटे तक कमरे में बंद कर वीडियो काल पर बैठाए रखा और बैंक खाते में चार लाख रुपये डलवा लिए।
मुखानी थाने में प्राथमिकी होने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
शिव साईं कालोनी के निकट रेनबो स्कूल बिठौरिया निवासी हरिहर प्रसाद शुक्ला ने पुलिस को बताया कि 25 अप्रैल को उनके पास अनजान नंबर से फोन आया।
फोन करने वाले ने कहा कि उनके आधार आइडी से फेड एक्स कोरियर से एक पार्सल ताइवान भेजा गया है, जिसे मुंबई कस्टम पुलिस ने पकड़ा है। कोरियर से ड्रग्स, पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड व गैरकानूनी सामग्री मिली है। इसलिए उन्हें तत्काल मुंबई क्राइम ब्रांच में रिपोर्ट करनी होगी।
'करोड़ों रुपये का गैर कानूनी लेनदेन हुआ'
हरिहर का कहना है कि जब उन्होंने हल्द्वानी से मुंबई पहुंचने में असमर्थता जताई तो व्यक्ति ने कहा कि वह फोन को आनलाइन मुंबई क्राइम ब्रांच से कनेक्ट कर रहा है। डीसीपी और इंस्पेक्टर बने व्यक्ति ने प्राथमिक जांच के बाद कहा कि उनके आधार, पहचान पत्र से चार बैंक अकाउंट अलग-अलग शहरों में खोले गए हैं और उनसे करोड़ों रुपये का गैर कानूनी लेनदेन हुआ है। इस कारनामे में कई अपराधी शामिल हैं।
ठगों ने इस मामले की आनलाइन जांच में सहयोग करने के लिए उन्हें 24 घंटे स्काइप से वीडियो काल कर फर्जी मुंबई क्राइम ब्रांच की निगरानी में रहने की हिदायत दी और उन्हें घर में ही वर्चुअल बंधक बनाए रखा। फाइनेंसियल वेरीफिकेशन के लिए उनके बताए गए खाते में चार लाख रुपये जमा करवा लिए। मुखानी थानाध्यक्ष पंकज जोशी ने बताया कि अज्ञात ठगों पर धोखाधड़ी की धारा में प्राथमिकी की है।
पुलिस की वर्दी में थे पूछताछ कक्ष में सभी लोग
हरिहर ने बताया कि वीडियो काल के दौरान एक पूछताछ कक्ष में सभी ठग पुलिस की वर्दी में थे। डीपी में मुंबई क्राइम ब्रांच का लोगो लगा था। जांच के दौरान ठगों ने शपथ ली कि इस विषय में न तो वह किसी से बात कर सकते हैं और न ही घर के बाहर जा सकते हैं। कागज कलम और इलेक्ट्रानिक उपकरणों का प्रयोग भी नहीं करेंगे।
अपराध की पुष्टि के लिए दिखाए सीबीआइ और आरबीआइ के पत्र
हरिहर के अनुसार, ठगों ने उन्हें सीबीआइ और आरबीआइ के पत्र दिखाए और अपराध में लिप्त होने की पुष्टि की। एक पत्र में लिखा था कि मुझे तत्काल अपने एसबीआइ बैंक खाते से 35,565 रुपये उनके खाते में ट्रांसफर करने होंगे। इस दौरान ठगों ने उनके सभी बैंक खातों में जमा धनराशि की जानकारी भी ले ली।
रातभर वीडियो काल पर फर्जी इंस्पेक्टर की निगरानी में रखा। सुबह तक मानसिक स्थिति दुर्बल हो गई और सोचने समझने की शक्ति नहीं रही। अगले दिन उन्होंने चार लाख रुपये ठगों के बताए खातों में डाल दिए।
पहले भी हुए ऐसे मामले
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23 दिसंबर 2023 को ठगों ने रामनगर के नंदा लाइन निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक संतोष मेहरोत्रा को आनलाइन अरेस्ट कर लिया था। उन्हें आधे घंटे तक कमरे में बंधक बनाए रखा। घर वालों के बार-बार कहने पर उन्होंने दरवाजा खोला था। जब जाकर ठगी होने से बच गए थे।
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एक अप्रैल को लामाचौड़ के गुनीपुर जीवानंद निवासी इंजीनियर निखिलेश गुणवंत को ठगों ने आनलाइन अरेस्ट किया था। ताइवान जा रहे कोरियर में ड्रग्स पकड़ने की बात कही थी। इस पर इंजीनियर ने एक लाख रुपये ठगों को ट्रांसफर कर दिया था। यह मामला मुखानी थाने में दर्ज है।
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