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पूर्व विधायक सरिता आर्य ने तीलू रौतेली अवार्ड का भाजपाकरण करने का आरोप लगाया

महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक सरिता आर्य ने तीलू रौतेली अवार्ड का भाजपाकरण करने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि वंदना कटारिया जैसे कुछ नामों को छोड़ दिया जाए तो साफ पता चलता है कि संघर्ष को नकार भाजपा सदस्यों को वरीयता दी गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 09 Aug 2021 01:54 PM (IST)
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पूर्व विधायक सरिता आर्य ने तीलू रौतेली अवार्ड का भाजपाकरण करने का आरोप लगाया
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक सरिता आर्य ने तीलू रौतेली अवार्ड का भाजपाकरण करने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि वंदना कटारिया जैसे कुछ नामों को छोड़ दिया जाए तो साफ पता चलता है कि संघर्ष को नकार भाजपा सदस्यों को वरीयता दी गई है। जिससे उत्तराखंड की संघर्षशील व जमीनी स्तर पर काम करने वाली मातृशक्ति का अपमान हुआ है। भाजपा बस यही कर सकती है। इनकी नीतियां कभी भी वास्‍तविक पात्रों के लिए नहीं रही हैं।

रविवार को स्वराज आश्रम में प्रेसवार्ता के दौरान सरिता ने कहा कि शासनादेश के मुताबिक यह पुरस्कार विपरीत परिस्थितियों में समाज के लिए काम करने वाली महिलाओं को दिया जाता है, लेकिन कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल की बेटी दीपिका चुफाल, पिथौरागढ़ से ही जिला पंचायत अध्यक्ष व बीजेपी नेता की पत्नी दीपिका बोहरा, महिला नेत्री बबीता पुनेठा पंगरिया, संघ से जुड़ी रेखा जोशी, ऊधमसिंह नगर महिला मोर्चा की महामंत्री उमा जोशी, चमोली की मोर्चा जिलाध्यक्ष चंद्रकला तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराधा वालिया व विधानसभा अध्यक्ष के पीआरओ की पत्नी राजकुमारी चौहान का नाम श्रेणी में शामिल होने से साफ पता चलता है कि किस आधार पर लिस्ट बनी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार में दम है तो वह दस्तावेज सार्वजनिक करें कि इस आधार पर भाजपा से जुड़े लोगों के नाम पर शामिल किए गए। वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष विमला सांगुड़ी व खष्टी बिष्ट, बबीता उप्रेती, अल्का आर्य आदि मौजूद थे।

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