बेहद नेकदिल इंसान थे नेवी चीफ एडमिरल सुशील कुमार, छोड़ दी थी जेड प्लस सुरक्षा nainital news
भारतीय नौ सेना में सबसे बड़े ओहदे पर रहे चुके एडमिरल सुशील कुमार बेहद सहज इंसान थे। पहाड़ और प्रकृति से उनको गहरा लगाव था। यहां पड़ोसियों के साथ घुलमिल कर रहते थेे।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 28 Nov 2019 09:21 AM (IST)
भवाली, जेएनएन : भारतीय नौ सेना में सबसे बड़े ओहदे पर रहे चुके एडमिरल सुशील कुमार बेहद सहज इंसान थे। पहाड़ और प्रकृति से उनको गहरा लगाव था। यही कारण है कि रिटायरमेंट के बाद से ही वे गर्मियों में रहने के लिए भवाली के गोलूधार में स्थिति अपने आ जाते थे। यहां पड़ोसियों के साथ घुलमिल कर रहते थेे। आसपास के लोगों से जब जागरण की टीम ने उनके बारे में बातचीत की ताे बहुत सारी ऐसी बातें सामने आईं जिनसे यह आसानी से समझा जा सकता था कि इतने बड़े ओहदे पर रह चुकने के बावजूद उनमें अहम नाम की चीज तक नहीं थी। यहां कई लोगों के साथ उनकी गहरी मित्रता थी। उनके निधन के बाद से कॉलोनी में शोक की लहर है। एडमिरल की तारीफ हर कोई करते नहीं थक रहा था।
पहाड़ में बसने के बाद छोड़ दी जेड प्लस सुरक्षा 1998 से 2001 तक नेवी चीफ रह चुके एडमिरल सुशील कुमार को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। लेकिन पहाड़ में बसने के बाद उन्होंने जेड प्लस सुरक्षा को छोड़ दिया। उन्हें किसी औरे में रहना पसंद नहीं था, वे जीवन को बेहद सहजता से जीते थे। यही कारण रहा कि उन्होंने रिटायरमेंट के बाद मिले जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा को छोड़ दिया। उनके व्यवहार और शालीनता से हर कोई प्रभावित रहता था।
ड्राइवर के निधन के बाद परिवार को ले लिया था गोद
गोलूधार में पत्नी के साथ रहने वाले एडमिरल सुशील कुमार प्रकृति प्रेमी होने के साथ ही काफी नेकदिल इंसान थे। घर के नौकरों के साथ भी काफी मधुर व्यवहार रखने वाले एडमिरल उनकी सुख-सुविधाओं का भी पूरा खयाल रखते थे। उनके मेडिकल संबंधी चीजों से लेकर बच्चों के स्कूल तक का खर्चा भी वही उठाते थे। उन्होंने अपने ड्राइवर के निधन के बाद उसके परिवार का पूरा खर्चा उठा लिया था। परिवार की हर सुख सुविधा का ध्यान रखने के साथ ही बच्चों की पूरी पढ़ाई-लिखाई का ख्याल वे खुद ही रखते थे।
जानवरों से था खासा लगाव नेवी चीफ एडमिरल सुशील कुमार काे जानवरों से भी खासा लगाव था। उनके पड़ोसी जनरल सीपी तिवारी ने बताया कि एडमिरल बेहद नेकदिल इंसान थे। वह जितना इंसानों से प्रेम करते थे उतना ही जानवरों से भी । आवारा कुत्तों तक से उन्हें लगाव हाे जाता था। कई बार तो वे आवारा कुत्तों काे अपने घर पर लाकर पालते थे। एडमिरल के निधन के बाद से उनकी कॉलोनी में शोक की लहर है।
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