Move to Jagran APP

गजक से पटा हल्‍द्वानी का बाजार, स्‍वास्‍थ्‍य के साथ स्‍वाद का भी लीजिए मजा

लेकिन मिठाइयों में कुछ ऐसी वैरायटियां भी हैं जो स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक होने के साथ ही स्‍वाद में भी बेहतरीन हैं। गजक इनमें से एक है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 31 Jan 2019 07:53 PM (IST)
Hero Image
गजक से पटा हल्‍द्वानी का बाजार, स्‍वास्‍थ्‍य के साथ स्‍वाद का भी लीजिए मजा
हल्‍द्वानी, मानसी खुल्‍बे । डॉक्‍टर अक्‍सर सुगर और नमक को जिंदगी को नासूर बनाने वाला जहर बताते हैं। डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियों के पनपने में इनका सर्वाधिक योगदान होता है। ऐसे में इनसे जितना बचा जा सके उतना ही बेहतर है। लेकिन मिठाइयों में कुछ ऐसी वैरायटियां भी हैं जो स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक होने के साथ ही स्‍वाद में भी बेहतरीन हैं। गजक इनमें से एक है। आइए आपको बताते हैं वैरायटी और अलग-अलग फ्लेवर में हल्‍द्वानी के बाजार में धाक जमा चुके गजक के बारे में।

शुद्धता के कारण मांग में इजाफा

शहर में इन दिनों मिठाइयों से ज्यादा गजक खाने वालों की संख्या कहीं अधिक बढ़ गई है। बाजार में तरह-तरह की गजक लोगों के खूब पसंद किए जा रहे हैं। देसी घी, इलाइची, तिल, गुड़, और चीनी के मिश्रण से तैयार शुद्ध गजक अपनी इन्‍हीं खासियतों के कारण ही शहरवासियों को भा रहा है।

ग्‍वालियर के राजेश 18 साल से कर रहे हैं व्‍यापार

ग्वालियर के रहने वाले राजेश पाल पिछले 18 सालों से शहर में गजक का व्यापार कर रहे हैं। वह बताते हैं कि शहर में गजक की दुकान सबसे पहले उनके पिताजी गेंदालाल ने शुरू की थी। तब से लेकर अब तक उनकी दुकान में विभिन्न प्रकार की गजक तैयार की जाती है। राजेश बताते है कि सबसे ज्यादा गुड़ वाली गजक, और मैथी के लड्डु ग्राहकों को लुभा रहेे हैं। रोजाना करीब 10 से 15 किलों गुड़ वाली गजक और मेथी के लड्डुओं की बिक्र हो जाती है। उनकी दुकान में 200 से 600 रुपए तक की गजक उपलब्ध है।

सर्दियों में बढ़ जाती है डिमांड

सर्दियों में विशेषकर दिसंबर और जनवरी के महीने में गजक की जबरदस्त खरीददारी की जाती है। जानकारी के अनुसार गजक का सेवन सर्दियों में बहुत लाभकारी माना जाता है। साथ ही स्वास्थ संबंधित परेशानियों से भी निजात मिलती है। गजक को आमतौर पर सर्दी की मिठाई भी कहा जाता है।

गजक की वैराइटी के नाम

गुड़ गजक, स्पेशल गजक, अजूबा गजक, गुड़ तिल भुग्गा, तिल भुग्गा, काजू गजक, शाही गजक, काजू रोल, तिल चक्की, मूंगफली करारा, तिल मूंगफली, तिल पट्टी, गजक रोल, शुगर फ्री लड्डु, ड्राईफ्रूट समोसा, सोहन गजक, भुजिया गजक, चमेली गजक, कटलर गजक आदि।

क्यों फायदेमंद है गजक

डॉक्‍टर विनय खुल्‍लर ने बताया कि सर्दियों में गजक खाना काफी फायदेमंद होता है। हालांकि गर्मियों में इसका‍ अधिक सेवन नुकसादेह भी हो सकता है।

  • गजक तिल से बनती है। तिल में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। इससे हड्डियां मजबूत होती है। और अर्थराइटिस की समस्या से मुक्ति मिलती है।
  • सिसामोलिन की अधिक मात्रा से रक्तचाप नियंत्रण में गजक मददगार होती है।
  • गजक में सूखे मेवे भी डाले जाते है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है।
  • तिल और गुड़ शरीर मेटाबॉलिज्म होता है। इससे वजन कम करने में सहायता मिलती है।
  • गजक में फाइबर पाये जाते है जो पाचन शक्ति को मजबूत करते है।
  • गजक में मौजूद एंटी-आक्सीडेंट जिंंक और सलेनियम त्वचा मेें समय से पहले झुर्रियां नहीं पड़ती है।
  • गजक में आयरन की मात्रा होती है जिससे एनीमिया की शिकायत नहीं होती।
गजक कहां मशहूर है

मेरठ के गजक की पहचान आगरा के पेठे के मानिंद है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों तक इसकी चर्चा होती है। मेरठ में गजक को सर्दियों की मिठाई भी कहा जाता है। यहां एक महीने पहले से ही बाजार में विभिन्न प्रकार की गजक बनने लग जाती है। अधिक पसंद उबड़-खाबड़ और लकड़ी नामक गजक को किया जाता है।

यह भी पढ़ें : पति के साथ और कुछ करने की ललक ने अंकिता को लंदन में भी दिलाई पहचान

यह भी पढ़ें : नैनीताल में जन्‍मी और अल्‍मोड़ा में पली बढ़ी सौम्‍या ने ब्रिटेन में किया कमाल

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।