भुप्पी हत्याकांड के आरोपित बड़े भाई ने नेतागीरी तो छोटे ने दबंगई से बटोरी सुर्खियां nainital news
भुप्पी हत्याकांड के आरोपित गुप्ता बंधुओं का चंद सालों में फर्श से अर्श तक पहुंचना पूरे शहर में चर्चा में रहा है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 18 Dec 2019 10:54 AM (IST)
हल्द्वानी, संदीप मेवाड़ी : भुप्पी हत्याकांड के आरोपित गुप्ता बंधुओं का चंद सालों में फर्श से अर्श तक पहुंचना पूरे शहर में चर्चा में रहा है। कुछ साल पहले शहर के नल बाजार में चूड़ी का ठेला लगाने वाले दोनों भाइयों की कम समय में तरक्की हर किसी को खटक रही थी। कई बार पुलिस व प्रशासन के पास शिकायतें भी पहुंची, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। देखते-देखते दोनों भाई किराये के भवन से अपने मकान के साथ ही मुख्य शहर में तीन शोरूमों के मालिक बन गए।
2012 तक किराए के मकान में रहता था गुप्ता परिवार वर्ष 2012 तक गौरव गुप्ता व सौरभ गुप्ता परिवार के साथ रामपुर रोड पर किराये के मकान में रहते थे। उनका नल बाजार में चूड़ी का फड़ था। गौरव ने वर्ष 2013 में रामपुर रोड स्थित किराये के भवन से पार्षद का चुनाव भी लड़ा और हार गया। इसके बाद उसने त्रिलोक नगर में अपना भवन बनाने के साथ ही सिंधी चौराहे पर रेडीमेड गारमेंट की दुकान खोल ली। उसने नेतागीरी में रहकर नेताओं और अफसरों से नजदीकी बढ़ाना शुरू कर दिया। वहीं, सौरभ ने दबंगई दिखाकर अपनी दहशत फैलानी शुरू की। चंद वर्षों के भीतर इन्होंने टेढ़ीपुलिया में स्पोट्र्स-कपड़ों का शोरूम व डिग्री कालेज के पास साड़ी का शोरूम खोल लिया। हालांकि टेढ़ीपुलिया का शोरूम तीन साल बाद ही बंद हो गया। दोनों भाइयों के अचानक इतना आगे बढऩे से शहर भर में सवाल खड़े होते रहे, पर इनकी पुलिस-प्रशासन व नेताओं से नजदीकी ने लोगों के सवाल दबा दिए।
विवादित भवन-जमीनों का करने लगे सौदा दोनों भाई शहर की विवादित जमीनों की सौदेबाजी करते थे। ऐसी जमीनें-भवन खरीदना, एक जमीन या दुकान का कई लोगों से सौदा करना, दूसरे की जमीन को अपनी बताकर सौदा करना जैसे कई आरोप समय-समय पर इन पर लगते रहे। वहीं पुलिस-प्रशासन ने पहले तो कार्रवाई नहीं की और यदि लोगों के आक्रोश पर कानूनी कार्रवाई हुई तो भी दरियादिली दिखाती रही।
सपा नेता के विवाद में मिला था ङ्क्षहदूवादी संगठनों का समर्थन वर्ष 2016 में गौरव-सौरभ गुप्ता का मीरा मार्ग में दुकान की सौदेबाजी को लेकर तत्कालीन सपा नेता से विवाद हो गया था। यह मामला तूल पकड़ते हुए सांप्रदायिक मोड़ तक पहुंच गया था। इस मामले में दोनों भाइयों को ङ्क्षहदूवादी नेताओं का समर्थन मिला, जिससे इनके हौसले और बुलंद हो गए।शोरूम में बुलाना, साथ फोटो और सोशल मीडिया में वायरल
दोनों भाई नेताओं, पुलिस-प्रशासन के अफसर व दबंगों को अपने शोरूम में लगातार आमंत्रित करते रहते थे। यही नहीं, चंदा देकर गौरव लोगों के कार्यक्रमों में खुद को मुख्य अतिथि बनाता था। अपने शोरूम व कार्यक्रमों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दोनों अपनी पहचान व दबंगई का विस्तार करते जा रहे थे।उधार लेकर दोनों दिखाते थ्रे रईसी गुप्ता बंधुओं ने जमीन-भवन बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करने के साथ ही कई लोगों से ब्याज पर लाखों रुपये उधार भी लिया है। उधार व ठगी के रुपयों से दोनों शौक पूरे कर लोगों को रईसी दिखाते थे। वहीं, अधिकांश पीडि़तों की आवाज वह दबंगई के बल पर दबा देते थे। दोनों भाइयों के बड़ी मंडी के आढ़तियों से लाखों रुपये ब्याज पर लेने की चर्चा भी शहर में आम है।
चार दिन पहले बेची जमीन भी चर्चा बनी शहर में चर्चा है कि गुप्ता बंधुओं ने बरेली रोड पर अब्दुल्ला बिल्डिंग के पास एक विवादित जमीन को लिया था। चार दिन पहले ही बेशकीमती इस जमीन का सौदा हुआ था। इसमें गुप्ता बंधुओं के साथ कुछ और लोगों के पार्टनर होने की चर्चा है।चित्रशिला घाट पर अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि कोतवाली से दोपहर में भुप्पी पांडे का शव पिकअप वाहन से शीशमहल स्थित आवास पहुंचा। शव घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी बीना, बेटे रितिक व बेटी रिचा समेत वृद्ध मां व भाइयों का रो-रोकर बुरा हाल था। अंतिम दर्शन कराने के बाद शव को रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट ले जाया गया। यहां बेटे रितिक ने चिता को मुखाग्नि दी।
मोर्चरी से घर तक तैनात रहा पुलिस बल लोगों के आक्रोश को देखकर सुबह ही कोतवाली को छावनी बना दिया गया था। इसके अलावा मोर्चरी से लेकर भुप्पी पांडे के घर तक पुलिस बल तैनात रहा।सालों से संघ से जुड़े थे भुप्पी भुप्पी पांडे हिंदूवादी विचार धारा के थे। वह कई सालों से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे। आरएसएस के कई कैंपों में भी उन्होंने शिरकत की थी।
यह भी पढ़ें : भूपेन्द्र ने कहा था साहब वो मुझे मार डालेंगे, 15 मुकदमे के बावजूद हत्यारोपितों के पास थी लाइसेंसी रिवाल्वरयह भी पढ़ें : राज्य का सबसे बड़ा 8500 करोड़ का घोटाला करने वाली फर्मों ने जीएसटी की कमियों का उठाया लाभ
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।