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जीबी पंत विश्वविद्यालय ने ईजाद की सोयाबीन की नई प्रजाति, कई विशेषताओं के चलते यह बढ़ाएगा किसानों की आय nainital news

जीबी पंत विवि ने सोयाबीन की 25 व 26 नामक प्रजाति विकसित की है। यह पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों की झोली भरेगा। प्रजाति के नोटिफिकेशन से किसानों को बीज पर सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 25 Jan 2020 08:52 AM (IST)
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जीबी पंत विश्वविद्यालय ने ईजाद की सोयाबीन की नई प्रजाति, कई विशेषताओं के चलते यह बढ़ाएगा किसानों की आय nainital news
अरविंद कुमार सिंह, रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) : जीबी पंत विवि ने सोयाबीन की 25 व 26 नामक प्रजाति विकसित की है। यह पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों की झोली भरेगा। प्रजाति के नोटिफिकेशन से किसानों को बीज पर सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा। इसमें तेल की मात्रा व उत्पादन दोनों ही सामान्य प्रजाति से कहीं अधिक है। अखिल भारतीय समन्वित सोयाबीन परियोजना के तहत गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने सोयाबीन की नई प्रजाति विकसित की है।

यह सफलता आनुवांशिकीय एवं पादप प्रजनन विभाग के डॉ. कामेंद्र सिंह व डॉ. पीएस शुक्ला की पहल से मिली है। अथक परिश्रम के बाद सोयाबीन-25 व 26 नाम की नई प्रजाति विकसित कर केंद्र सरकार को भेज दिया। वहां से दोनों ही प्रजातियों को हरी झंडी देते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।

नई प्रजाति की खासियत

सामान्य प्रजातियों में तेल औसत से 17 से 18 फीसद और प्रोटीन 40 फीसद होता है, जबकि नई प्रजाति में ऑयल की मात्रा 19 फीसद व प्रोटीन 41 फीसद है। नई प्रजाति की उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर करीब 35 क्विंटल है, जो सामान्य से पांच से छह क्विंटल अधिक है। नई प्रजाति का रंग हल्का पीला होगा। यह पर्वतीय क्षेत्रों के लिए अनुकूल है। डॉ. पीएस शुक्ला ने बताया कि सोयाबीन की नई प्रजातियों की प्रतिरोधक क्षमता सामान्य की अपेक्षा ज्यादा है। इसमें रोग कम लगेंगे और उत्पादन अधिक होने से किसानों को आर्थिक लाभ होगा।

 

सोयाबीन के फायदे

- सोयाबीन में प्रोटीन के अलावा फाइबर, मिनरल्स और फाइटोएस्ट्रोजन्स होते हैं। इसके अलावा इसमें सैचरेटेड फैट की मात्रा भी कम होती है। साथ ही इसमें न तो कलेस्ट्रॉल होता है और न ही लैक्टोस। इस लिहाज से सोयाबीन सेहत के लिए फायदे की चीज है। सोयाबीन में आयरन, मैंगनीज, फॉसफोरस, कॉपर, पोटेशियम, जिंक और सेलेनियम भी प्रचुर मात्रा में होता है।

- सोयाबीन हेल्दी वेट गेन और वेट लूज में भी मदद करता है, बशर्ते उसे सीमित मात्रा में खाया जाए तो। सोयाबीन में फाइबर और प्रोटीन अत्यधिक मात्रा में होता है। इसलिए यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो वजन घटाना चाहते हैं और उन लोगों के लिए भी जो बढ़ते वजन को कम करना चाहते हैं।

- सोयाबीन डायबीटीज और हार्ट डिजीज की रोकथाम करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद अनसैचरेटेड फैट्स बैड कलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इससे हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

- इसके अलावा यह कई प्रकार के कैंसर से भी बचाव करता है। अमेरिका के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट के अनुसार, सोयाबीन में मौजूद फाइबर कोलोरेक्टल और कोलोन कैंसर के रिस्क को कम करता है।

- सोयाबीन हड्डियों की मजबूती के लिए बेहद जरूरी है। चूंकि सोयाबीन में विटमिन, मिनरल के अलावा कैल्शियम, मैग्निशियम और कॉपर जैसे पोषक तत्व होते हैं, इसलिए यह हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

- सोयाबीन बर्थ डिफेक्ट्स को भी दूर करता है। इसमें मौजूद विटमिन बी कॉम्प्लेक्स और फॉलिक ऐसिड प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बहुत जरूरी होता है। साथ ही यह भ्रूण के मानसिक विकास में भी मदद करता है। हालांकि सोयाबीन का सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

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