कोसी नदी में स्थित गिरिजा देवी मंदिर में वर्ष 2010 में आई बरसात के दौरान तेज बाढ़ आई थी। इसके बाद से मंदिर के मिट्टी के टीले में दरार आ गई थी। तब से हर बरसात में मिट्टी का टीला कमजोर होता जा रहा था। यही वजह है कि गंगा स्नान मेले में भी मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद रखा गया था।
जागरण संवाददाता, रामनगर। यदि इस माह 10 से 30 मई के बीच गिरिजा देवी मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आने का कार्यक्रम है तो निरस्त कर दीजिए। क्योंकि मंदिर के बाहर निर्माण कार्य के चलते 15 से 20 दिन गिरिजा देवी मंदिर बंद रहेगा। पुलिस प्रशासन, वन विभाग, मंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है।
कोसी नदी में स्थित गिरिजा देवी मंदिर में वर्ष 2010 में आई बरसात के दौरान तेज बाढ़ आई थी। इसके बाद से मंदिर के मिट्टी के टीले में दरार आ गई थी। तब से हर बरसात में मिट्टी का टीला कमजोर होता जा रहा था। यही वजह है कि गंगा स्नान मेले में भी मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद रखा गया था। बरसात में मिट्टी के टीले को पानी से बचाने के लिए सिंचाई विभाग ने बड़े तिरपाल लगाए थे।
मार्च में आचार संहिता लगने से पहले शासन ने मंदिर समिति के लिए 5.79 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। अब सिंचाई विभाग बरसात से पहले मंदिर के मिट्टी के टीले में सुरक्षा संबंधी कार्य पूरा कर लेना चाहता है। प्रशासन की मौजूदगी में मंदिर समिति व विभिन्न विभागों के अधिकारियों, स्थानीय प्रसाद विक्रेताओं के साथ हुई बैठक में बताया गया कि सिंचाई विभाग मंदिर के टीले की सुरक्षा का मरम्मत कार्य करेगा।
कोसी नदी में स्नान पर भी रोक
ऐसे में लोगों की आवाजाही होने से निर्माण कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पाएगा।
तय हुआ कि दस मई शुक्रवार से गिरिजा देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह बंद रखा जाएगा। कोसी नदी में स्नान आदि भी प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर के मुख्य गेट को बंद रखा जाएगा।
मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज पांडे ने बताया कि सिंचाई विभाग 25 या 30 मई तक मंदिर के टीले की मरम्मत का काम पूरा होने की बात कह रहा है। मिट्टी के टीले को चारों ओर से कंक्रीट का जाल डालकर मजबूत किया जाएगा। इसके बाद ही मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोलने का निर्णय लिया जाएगा।
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