शासन ने कुमाऊं विवि में नियुक्तियों पर लगाई रोक, प्रभारी सचिव उच्च शिक्षा ने कुलपति को भेजा पत्र
शासन ने कुमाऊं विवि में अस्थाई नियुक्तियों पर पूरी तरह रोक लगा दी है। साथ ही साफ किया है कि अस्थाई व स्थाई नियुक्तियां यदि जरूरी हों तो इसके लिए शासन की अनुमति जरूरी होगी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 05 Feb 2020 07:28 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : शासन ने कुमाऊं विवि में अस्थाई नियुक्तियों पर पूरी तरह रोक लगा दी है। साथ ही साफ किया है कि अस्थाई व स्थाई नियुक्तियां यदि जरूरी हों तो इसके लिए शासन की अनुमति जरूरी होगी। शासन के पत्र के बाद विवि में शिक्षणेत्तर पदों पर फरवरी माह तक नियुक्तियों पर सवालिया निशान लग गए हैं, साथ ही विवि प्रशासन में खलबली मची है।
नियुक्तियों के लिए शासन की अनुमति जरूरी प्रभारी सचिव उच्च शिक्षा अशोक कुमार की ओर से 30 जनवरी को कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. केएस राणा को संबोधित पत्र भेजा गया है। पत्र मंगलवार को विवि कुलपति को प्राप्त हुआ। जिसमें कार्मिक विभाग के आदेशों का हवाला देते हुए अग्रिम आदेशों तक विवि में अस्थाई नियुक्तियों पर रोक लगाने को कहा गया है। साथ ही यह भी कहा है कि यदि अस्थाई व स्थाई नियुक्तियां जरूरी हों तो उसके लिए पहले शासन की अनुमति जरूरी होगी। कुलपति प्रो. केएस राणा ने पत्र मिलने की पुष्टिï करते हुए कहा कि कुलाधिपति व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री को इस संंबंध में अवगत कराया गया है।
कुलपति ने नियुक्तियों की एसआइटी जांच को भेजा है पत्र पिछले दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में विश्वविद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए थे, अब अस्थाई नियुक्तियों पर रोक के पत्र को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। यहां बता दें कि कुमाऊं विवि में पिछले सालों में 190 शिक्षणेत्तर कर्मियों की नियुक्तियां अवैध तरीके से कर दी गई हैं। जांच में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है कि यह नियुक्तियां पदों से इतर कर दी गईं। कुलपति की ओर से इन नियुक्तियों में गड़बड़ी की एसआइटी जांच कराने के लिए शासन को पत्र भेजा गया था। अब शासन के पत्र के बाद विवि में शिक्षक व शिक्षणेत्तर पदों पर शुरू की गई नियुक्ति प्रक्रिया पर अग्रिम आदेशों तक रोक लग गई है।
सचिव का पत्र वायरलप्रभारी सचिव उच्च शिक्षा अशोक कुमार की ओर से कुलपति को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। सूत्रों के अनुसार कुलपति कार्यालय के निकट के कार्मिक ने ही पत्र को वायरल कराया। खुद कुलपति ने पत्र को वायरल होने को साजिश होने से पूरी तरह से इन्कार नहीं किया।यह भी पढ़ें : कैलास मानसरोवर यत्रियों को अब ऊँ पर्वत के दर्शन भी आसानी से होंगे, नावीढांग तक बनी सड़क
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