सरकार बताए कैसे होगा स्लाटर हाउसों का निर्माण : हाई कोर्ट
स्लाटर हाउसों को अपग्रेड करने के आदेश देने के बाद भी सरकार के एक कदम आगे नहीं बढऩे को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि राज्य में स्लाटर हाउसों का निर्माण कैसे होगा।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 13 Feb 2019 11:22 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : स्लाटर हाउसों को अपग्रेड करने के 2011 में आदेश देने के बाद भी सरकार के एक कदम आगे नहीं बढऩे को हाई कोर्ट ने बेहद गंभीरता से लिया है। हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि राज्य में स्लाटर हाउसों का निर्माण कैसे होगा। कोर्ट ने सरकार को दस दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हलफनामे में यह उल्लेख करने को कहा है कि स्लाटर हाउसों का निर्माण कैसे किया जाएगा। निकायों को भी स्लाटर हाउस अपगे्रड करने के लिए सरकार को डिमांड भेजने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले साल हाई कोर्ट ने राज्य में अवैध स्लाटर हाउस 72 घंटे के भीतर बंद करने का आदेश पारित किया था। तब से पूरे राज्य के स्लाटर हाउस बंद हैं। रामनगर पालिका ने तो मीट की दुकानों को भी बंद करा दिया। इस पर रामनगर व नैनीताल के मीट कारोबारियों ने फिर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि स्लाटर हाउस व मीट की दुकान बंद होने से उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में सुनवाई हुई। इस दौरान शहरी विकास सचिव शैलेश बगौली कोर्ट में पेश हुए और विभाग की ओर से अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा दिया। कोर्ट ने पूछा कि 2011 में स्लाटर हाउस अपग्रेड करने के दिए गए आदेश का अनुपालन अब तक क्यों नहीं हुआ। सचिव ने और समय मांगा तो कोर्ट ने और समय देने से इन्कार कर दिया। साथ ही दस दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का सख्त निर्देश दिया। इस दौरान नगर निगम हल्द्वानी की ओर से कहा गया कि यदि सरकार 25 लाख फंड मुहैया कराती है तो दस दिन में स्लाटर हाउस अपग्रेड कर दिया जाएगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।