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साइबर हमले के छठे दिन पटरी पर लौट आई व्यवस्था, उत्तराखंड की सभी महत्वपूर्ण आनलाइन सेवाएं हुई सुचारु

राज्य में दो अक्टूबर को साइबर हमला हुआ था। इस हमले में सभी विभागों का स्टेट डाटा सेंटर में एकत्रित एक अक्टूबर तक का डाटा प्रभावित हुआ। इससे राज्य की सभी आनलाइन सेवाएं ठप हो गई थीं। इस सूचना के बाद राज्य सरकार ने केंद्रीय व विशेषज्ञ एजेंसियों के सहयोग से डाटा सेंटर को दुरुस्त करने का कार्य शुरू किया। इससे निपटने में काफी समय लगा।

By ganesh joshi Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 07 Oct 2024 09:09 PM (IST)
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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। राज्य में साइबर हमले के छठे दिन व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी हैं। इस कड़ी में सभी महत्वपूर्ण आनलाइन सेवाएं सुचारू हो गई हैं। डाटा रिकवरी का लगभग सारा कार्य पूरा हो चुका है।

अब केवल सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम) में एक दिन, यानी एक अक्टूबर का डाटा रिकवर होना शेष रह गया है। भविष्य में इस प्रकार की समस्या न आए, इसके लिए केंद्रीय, राज्य व विशेषज्ञ एजेंसियां अब राज्य स्टेट डाटा सेंटर को दुरुस्त कर रही हैं।

राज्य में दो अक्टूबर को साइबर हमला हुआ था। इस हमले में सभी विभागों का स्टेट डाटा सेंटर में एकत्रित एक अक्टूबर तक का डाटा प्रभावित हुआ। इससे राज्य की सभी आनलाइन सेवाएं ठप हो गई थीं। इस सूचना के बाद राज्य सरकार ने केंद्रीय व विशेषज्ञ एजेंसियों के सहयोग से डाटा सेंटर को दुरुस्त करने का कार्य शुरू किया। इससे निपटने में काफी समय लगा।

अब साइबर हमले के छठे दिन व्यवस्था पटरी पर आनी शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, ई-आफिस, ई-रवन्ना, अपुणी सरकार, चारधाम रजिस्ट्रेशन आदि का कार्य सुचारू हो गया है।

साथ ही विभागीय वेबसाइट भी अब क्रियाशील हो गई हैं। इससे विभागीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। यद्यपि, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अभी शेष तकनीकी कमियों को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है। भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है।

इस कड़ी में अब जल्द ही सभी विभागों की आनलाइन सेवाओं, वेबसाइट और साफ्टवेयर की जांच की जाएगी। यह प्रक्रिया एक-दो दिनों के भीतर ही शुरू हो जाएगी। सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश झा का कहना है कि सभी सेवाएं दुरुस्त कर ली गई हैं।

स्टेट डाटा सेंटर का तकरीबन पूरा डाटा रिकवर कर लिया गया है। अब भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए कार्य किया जा रहा है।कोषागारों में पटरी पर लौटा वित्तीय लेन-देन

कोषागारों में पटरी पर लौटा वित्तीय लेन-देन

साइबर हमले के कारण प्रदेश के कोषागारों में तीन दिन से प्रभावित वित्तीय लेन-देन अब पटरी पर लौट आया है। फाइनेंस डाटा सेंटर और एप्लीकेशन सर्वर को कोई हानि नहीं पहुंची है। साइबर हमले ने सरकारी विभागों के कामकाज पर असर डाला ही, साथ में वित्तीय लेन-देन को प्रभावित किया।

तीन अक्टूबर से पांच अक्टूबर तक यानी तीन दिन कोषागारों से लेन-देन नहीं हो सका। इस अवधि में लगभग 600 करोड़ का लेन-देन प्रभावित होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। प्रदेश में वित्तीय लेनदारी हो या देनदारी, यह पूरी व्यवस्था आनलाइन और डिजिटाइज है।

कोषागारों में आनलाइन वित्तीय लेन-देन इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (आइएफएमएस) के माध्यम से हो रहा है। यह व्यवस्था प्रदेश सरकार के स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क यानी स्वान से जुड़ी हुई है। साइबर हमले ने स्वान पर प्रभाव डाला।

यद्यपि, फाइनेंस डाटा सेंटर और एप्लीकेशन सर्वर इससे प्रभावित होने से बचे रहे। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि फाइनेंस डाटा सेंटर और एप्लीकेशन सर्वर सुरक्षित रहे हैं। अब कोषागारों ने पहले की भांति सुचारु कामकाज प्रारंभ कर दिया है।

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