मित्र घास में है पहाड़ को बचाने की शक्ति, जानिए इसकी खासियतें, क्यों किया जा रहा संरक्षित
हिमालयी राज्य में बहुपयोगी मित्र घास की विलुप्त होती प्रजातियां संरक्षित की जाएंगी। उत्तराखंड में तमाम खूबियों वाली घास की किस्में भूस्खलन भूकटाव रोकने में मददगार हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 29 Apr 2019 09:48 AM (IST)
रानीखेत, जेएनएन : हिमालयी राज्य में बहुपयोगी 'मित्र घास' की विलुप्त होती प्रजातियां संरक्षित की जाएंगी। भूगर्भीय लिहाज से अतिसंवेदनशील उत्तराखंड में तमाम खूबियों वाली घास की किस्में भूस्खलन, भूकटाव व मृदा क्षरण रोकने में मददगार हैं। साथ ही एक विशेष प्रजाति 'औंस' (थिसेनोलेना मैक्सिमा) वनाग्निरोधी का भी काम करती है। खास बात कि मध्य व उच्च हिमालयी क्षेत्रों में डेढ़ वर्ष के शोध एवं अध्ययन के बाद दुर्लभ श्रेणी की घास प्रजातियों की जड़ें व बीज एकत्र कर जैवविविधता से लबरेज कालिका रेंज (रानीखेत) में 'ग्रास बैंक' विकसित किया जा रहा। वन विभाग में यह राज्य का पहला अभिनव प्रयोग माना जा रहा। शुरुआत में यहां 'मित्र घास' की 19 प्रजातियां विस्तार ले चुकी हैं। छह और किस्में खोज ली गई हैं।
उत्तराखंड में 185 प्रजातियां प्रदेश में 'मित्र घास' की कुल 185 प्रजातियां हैं। इनमें अधिकांश लुप्तप्राय या विलुप्ति की कगार पर हैं। मंडल मुख्यालय अनुसंधान शाखा (वन) के दिशा निर्देशन में शोध अधिकारी आशुतोष जोशी, वन रक्षक नंदाबल्लभ तिवारी व विभागीय शोधार्थी अंजू भंडारी ग्रास बैंक' को विस्तार देने में लगे हैं।
इन प्रजातियों को मिला नया जीवन लव (इरेग्रोस्टिस पिलोसा), कुश (पैनिसेटम फ्लेक्सिडम), औंस (थिसेनोलेना मैक्सिमा), गुच्छी (डैक्टिलिस ग्लोमिराटा), गिन्नी (मैगाथ्रिसस मैक्सिमस), राई (लोलियम पैरेनी), दोलनी (फेस्टुका अरुंडीनेसिया), लेमन (सिंबोपोगोन फ्लैक्सोसस), कुमेरिया (हैट्रोपोगॉन कोंटोर्टस), कांस (थायसेनोलेना मैक्सिमा), नेपियर (पैनिसेटम परप्यूरियम), किकुई (पैनिसेटम क्लेडेस्टिनम), दूब दुर्वा (सिनोडॉन डेक्टिलोन), बाबिला (एग्रोस्टिस इस्टोलोनीफेरा), नलिका (अरुंडीनेला नेपालेंसिस), सीता (सिटेरिया एनसेप्स), गोडिय़ा (क्राइसोपोगॉन फैल्वस), ब्रूम (ब्रोमस पैटेलस) व बिच्छू (अर्टिका डियोइका)
ये हैं विलुप्त होती प्रजातियां लव, जंगलू मडवा (गढ़वाल में कौंदो-इल्यूसियन इंडिका), गुच्छी (डैक्टिलिस ग्लोमिराटा), गिन्नी (मैगाथ्रिसस मैक्सिमस), राई (लोलियम पैरेनी), दोलनी (फेस्टुका अरुंडीनेसिया), लेमन (सिंबोपोगोन फ्लैक्सोसस), झंगोरा (चिनोक्लोआ फ्रूमेंटेसियम) आदि।
छह और किस्में पकड़ेंगी जड़ें चित्रा (पॉलीपोगोन फुगैक्स), झंगोरा (चिनोकुलोवा फ्रूमेंटेसियम), जंगलू मडवा यानी कौंदो (इल्यूसियन इंडिका), मसाण (इसीलेमा लक्सम), जेई (एवेना एस्पारा) व गुइना (मैलियासियम जुमेंटोरम)
औषधीय के साथ रोजगारपरक भी हैं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- विलुप्त होती गुच्छी समेत अन्य प्रजातियां पौष्टिïक चारे, मिट्टी को जकड़ भूस्खलन रोकने में सहायक
- कुश धार्मिक महत्व वाली, बिच्छू, दूब, लेमन आदि औषधीय घास
- बाबिला, बिच्छू, कुश, लेमन आदि रोजगारपरक