नैनीताल पुलिस ने नकली नोट चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह ने बंगाल से 3.50 लाख रुपये के नकली नोट खरीदे थे और इन्हें बाजार में खपाने की फिराक में था। पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के सदस्य नकली नोटों को अपने घरों में छिपाकर रखते थे और फिर उन्हें बाजार में चलाते थे।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। नकली नोट खपाने वाले गिरोह को पकड़कर नैनीताल पुलिस ने बड़ी कामयाबी पाई है। गिरोह बंगाल में एक लाख रुपये के असली नोट देकर 3.50 लाख के नकली नोट खरीदकर लाया था, मगर बड़ी मात्रा में इसे बाजार में खपाने से पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया। हालांकि, गिरोह के सदस्यों ने बंगाल से लालकुआं तक पहुंचने में रास्ते में खाने के खर्च व कार में पेट्रोल डलवाने में तकरीबन 30 हजार रुपये के नकली नोट खपा दिए थे।
लालकुआं में रहने वाले सर्राफ शिवम वर्मा ने नकली नोट खपाने का ताना-बाना बुना था। कारोबार में तरक्की नहीं होने पर उसने नकली नोटों को खपाने की योजना बनाई। इस काम के लिए गिरोह बनाया, जिसमें बरेली के दो युवकों को भी शामिल कर लिया।
यूपी-उत्तराखंड में की नकली नोटों की खपत
गिरोह ने उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में नकली रुपये खपाने की बात बताई है। इस प्रकरण की जांच की जा रही है। पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह के दो सदस्य कुछ दिन पहले बंगाल गए थे, जहां नकली नोट खरीदने के लिए असली नोट देने पड़े। 500 के कुल 3.50 लाख के नकली नोट लाए गए थे।
लालकुआं आने के बाद गिरोह के सदस्यों ने 500 से नकली नोटों को अपने घरों में छिपा दिया था। नौ अक्टूबर को लालकुआं पुलिस ने शिवम को पकड़कर इस मामले में अहम सफलता पाई। उससे पूछताछ के बाद एक-एक कर सात आरोपितों के नाम सामने आ गए।
बैंक खाते से नकली नोट चलाने वाले गिरोह तक पहुंची पुलिस
नकली नोट पकड़ने के मामले में कई मोड़ आए। पुलिस ने हर एंगल से जांच की। बताया जा रहा है कि शिवम के बैंक खाते के जरिये पुलिस नकली नोट चलाने वाले गिरोह तक पहुंची। शिवम ने एक सरकारी बैंक में चालू खाता खोला था। इस खाते में एक महीने में 70 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन हो गया। इस पर भारत सरकार की एजेंसी ने खाते को ब्लाक कर दिया था।
संदिग्ध लेनदेन होने के कारण बैंक ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने बैंक अकाउंट की लेनदेन की जानकारी निकाली। इस बीच फ्राड व क्रिप्टोकरेंसी से लेनदेन की बात सामने आने लगी तो पुलिस ने आरोपित का पीछा शुरू कर दिया था।
जैसे ही शिवम साथियों के साथ अपना खाता खुलवाने बैंक निकला तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसकी कार में 500 रुपये के 18 नकली नोट भी मिले थे।
आइबी कर रही है जांच
नकली नोट का मामला जैसे ही सामने आया तो पुलिस ने इसकी सूचना इंटलीजेंस ब्यूरो (आइबी) को भी दी। आइबी की टीम भी नकली नोट मामले की जांच कर रही है। आइबी पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क कर सकती है। वह आरोपितों को लेकर बंगाल भी जा सकती है।
नकली नोटो की सीरीज एक ही नंबर की
पुलिस ने जांच कि तो नकली नोट की सीरीज एक ही नंबर की थी। तीन लोगों के पास तीन सीरीज के तीन लाख रुपये मिले हैं। नकली नोट में वाटर मार्क सहित सभी कुछ सही था। नंबर के कारण ये पकड़ में आए।
भारत से बाहर भेजा जा रहा था पैसा
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि जांच में पता चला है कि नकली नोट को बदलकर मिलने वाले पैसों को क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से बाहर भेजा जा रहा था। शिवम वर्मा के साथ ही अन्य व्यक्तियों के बैंक खाते की जांच की जा रही है।
भारत सरकार को भेजी जाएगी रिपोर्ट
एसएसपी का कहना है कि पूरे मामले की रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जा रही है। गृह मंत्रालय और केंद्र की एजेंसियां इसकी जांच करेंगी, ताकि नकली नोट बनाने वाले गिरोह का भी भड़ाफोड़ हो सके।
पुलिस टीम में ये रहे शामिल
एसएसपी ने पुलिस टीम को ढाई हजार रुपये इनाम दिया है। टीम में सीओ हल्द्वानी नितिन लोहनी, लालकुआं कोतवाल डीआर वर्मा, एसएसआइ हरेंद्र सिंह नेगी, दीपक सिंह बिष्ट, बिंदुखत्ता चौकी इंचार्ज सोमेंद्र सिंह, हल्दूचौड़ चौकी इंचार्ज गौरव जोशी, हेड कांस्टेबल त्रिलोक सिंह रौतेला, कांस्टेबल पूरन सिंह रायपा, गुरमेज सिंह, चंद्रशेखर, कमल बिष्ट, जितेंद्र सिंह बिष्ट, संजय कुमार व अनिल शर्मा।
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