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उत्‍तराखंड की 150 साल पुरानी रामलीला इस बार खास, अयोध्या नगरी जैसा सजेगा मैदान; दिव्य होगा नजारा

Uttarakhand Ramlila उत्तराखंड की 150 साल पुरानी हल्द्वानी रामलीला अपने आप में अनोखी है। यह एकमात्र ऐसी रामलीला है जिसका मंचन दिन में होता है। इस बार आयोजन की दिव्यता कुछ अलग ही होगी। मंचन परिसर को अयोध्या नगरी जैसा सजाया जाएगा और कलाकार भव्य संरचना के दायरे में अभिनय करते नजर आएंगे। बहेड़ी से आए कारीगर मैदान में ढांचे को तैयार करने में जुटे हुए हैं।

By sumit joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 28 Sep 2024 02:35 PM (IST)
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Uttarakhand Ramlila: कुमाऊं की 150 वर्ष पुरानी हल्द्वानी की रामलीला।

सुमित जोशी, जागरण हल्द्वानी। Uttarakhand Ramlila: प्रभु श्रीराम की अद्भुत महिमा व अलौकिक लीलाओं का मंचन देखने को लोगों में गजब का उत्साह रहता है। कुमाऊं की 150 वर्ष पुरानी हल्द्वानी रामलीला ही एकमात्र ऐसी रामलीला है, जहां दिन के समय मंचन होता है। ऐसे में यहां का आकर्षण कुछ अलग ही है। बाजार क्षेत्र में बने मैदान में इस बार आयोजन की दिव्यता कुछ अलग ही होगी।

मंचन परिसर को अयोध्या नगरी जैसा सजाया जाएगा और कलाकार भव्य संरचना के दायरे में अभिनय करते नजर आएंगे। बहेड़ी से आए कारीगर मैदान में ढांचे को तैयार करने में जुटे हुए हैं।

इस बार अयोध्या नगरी का दृश्य विशेष

रामलीला संचालन समिति ने मूर्तिकार शंभू बाबा की टीम को बुलाया है। कारीगर रावण, मेघनाद सहित अन्य पुतले व रामलीला के दौरान प्रयोग होने विभिन्न सामग्री व संरचनाओं को तैयार कर रहे हैं। क्राफ्ट कारीगर ब्यास पाल सिंह ने बताया कि हल्द्वानी रामलीला मैदान में इस बार अयोध्या नगरी का दृश्य विशेष रहने वाला है।

खुले मैदान में दिन के समय होने वाले लीला मंचन में यह झलक देखने को मिलेगी। इसके लिए अभिनय स्थल को चारों ओर से कवर किया जाएगा। इसमें 15 फीट ऊंचा मुख्य द्वार विशेष आकर्षण होगा। इसमें आठ से नौ फीट ऊंचे चार गेट बनाए गए हैं। साथ ही सबसे ऊपर धनुष की संरचना बनाई गई है। इस ढांचे को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है।

वहीं, गेट के सामने और दोनों ओर 12 फीट लंबी और 10 फीट ऊंची दीवारनुमा संरचना तैयार की जा रही है। यह भी अयोध्या नगरी जैसी अनुभूति कराएगी। यह सभी ढांचे बांस, रद्दी और रंगीन कागजों से तैयार किया किया जा रहा है।

दशरथ दरबार व लंका के दृश्य में प्रयोग होगा ढांचा

क्राफ्ट कारीगर ब्यास पाल ने बताया कि यह नई संरचना है और पहली बार हल्द्वानी में ही इसे तैयार किया जा रहा है। बताया कि इसका प्रयोग श्रीराम जन्म, श्रीराम वन गमन व दशरथ के प्राण त्यागने में किया जाएगा। लंका के दृश्य में भी इन्हीं संरचनाओं को उपयोग में लाया जाएगा।

कल से प्रारंभ होगा दिन का रामलीला मंचन

श्रीरामलीला संचालन समिति के सदस्य विवेक कश्यप ने बताया कि 29 सितंबर से दिन की रामलीला का मंचन प्रारंभ हो जाएगा। प्रतिदिन शाम चार बजे से मंचन प्रारंभ होगा। वहीं, तीन अक्टूबर से रात की रामलीला प्रारंभ होगी। इसका आयोजन रात आठ बजे से होगा।

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