Haldwani: सुभाष नगर में घंटों हंगामे के बाद ढहाया गया 70 साल पुराना अतिक्रमण, नजूल भूमि पर बनाया गया था टिनशेड
हल्द्वानी के सुभाष नगर के अजंता तिराहे पर 70 साल पुराने अतिक्रमण को लेकर शनिवार दोपहर जमकर हंगामा हुआ। मंदिर परिसर से जुड़ी भूमि पर एक मुस्लिम परिवार रह रहा था। ऐसे में नगर निगम की कार्रवाई रुकने पर हिंदूवादी संगठन भी एकजुट हो गए। मामला बढ़ता देख नगर आयुक्त सिटी मजिस्ट्रेट सीओ के अलावा कई थानों की फोर्स भी आ गई।
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Sun, 08 Oct 2023 03:34 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। सुभाष नगर के अजंता तिराहे पर 70 साल पुराने अतिक्रमण को लेकर शनिवार दोपहर जमकर हंगामा हुआ। मंदिर परिसर से जुड़ी भूमि पर एक मुस्लिम परिवार रह रहा था। ऐसे में नगर निगम की कार्रवाई रुकने पर हिंदूवादी संगठन भी एकजुट हो गए। मामला बढ़ता देख नगर आयुक्त, सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ के अलावा कई थानों की फोर्स भी आ गई। विधायक सुमित हृदयेश भी वार्ता को पहुंच गए, लेकिन निगम का कानूनी पक्ष मजबूत होने की वजह से करीब दो घंटे बाद बुलडोजर ने टिनशेड के मकान को गिरा दिया।
वर्ष 1932 में हुई थी हनुमत सेवा सदन आश्रम की स्थापना
सुभाष नगर में मुख्य मार्ग पर स्थित श्री हनुमत सेवा सदन आश्रम की स्थापना 1932 में हुई थी। मंदिर में लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा अक्सर यहां धार्मिक अनुष्ठान भी होते रहते हैं। परिसर के बाहर की तरफ टिनशेड नुमा मकान में जहीर बख्श का परिवार रहता है। इनका कहना था कि करीब 70 साल पहले पिता नूर बख्स ने यहां रहना शुरू किया था।
2022 में खारिज कर दिया गया स्टे
परिवार ने दावा किया कि एक महिला से उन्होंने यह जमीनी खरीदी थी। हालांकि, 2017 में मामला न्यायालय पहुंच गया, जहां से एक बार बख्श परिवार को स्टे भी मिला, मगर नगर निगम प्रशासन का कहना है कि 2022 में स्टे खारिज हो गया था। इसलिए चार अक्टूबर को नोटिस देकर तीन दिन में जगह खाली करने को कहा गया था।शनिवार को विरोध के चलते रुकी कार्रवाई
शनिवार तक कब्जा न छोड़ने पर दोपहर साढ़े तीन बजे सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट कार्रवाई को पहुंच गए, लेकिन विरोध के चलते कार्रवाई रुक गई। पीड़ित परिवार के बुलाने पर विधायक सुमित हृदयेश भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, सीओ बीएस धोनी के अलावा कई थानों की फोर्स भी पहुंच गई। दूसरी तरफ से हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता भी एकजुट हो गए। दो समुदायों का मामला होने के कारण एलआइयू भी सक्रिय नजर आई।
बाद में निगम प्रबंधन ने कार्रवाई को वैध बताते हुए दस्तावेज भी दिखा दिए। विधायक को स्टे खारिज होने व पूर्व नोटिस के बारे में बताया गया। इसके वह भी मान गए। फिर निगम ने बुलडोजर से टिनशेड को ढहा दिया।
नजूल की थी जमीन
नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय के मुताबिक, जमीन नजूल की थी। उसे फ्री होल्ड भी नहीं कराया गया था। न्यायालय ने भी स्टे खारिज कर दिया था। इसके बाद नगर निगम ने विधिवत नोटिस दिया। उसके बाद अतिक्रमण गिराया। विधायक को स्टे खारिज होने की सूचना दूसरे पक्ष नहीं दी थी। मौके पर इन्हें इस बात की जानकारी दी गई।
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