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Haldwani Encroachment: बनभूलपुरा में दोबारा शुरू हुआ सीमांकन, सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

Haldwani Encroachment बनभूलपुरा में रेलवे की 78 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण का मामला फिर सुर्खियों में आने वाला है। सभी पहलुओं को जानने के लिए प्रशासन रेलवे पुलिस मिलकर रविवार से दोबारा सीमांकन करने के लिए पहुंचे।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sun, 29 Jan 2023 02:10 PM (IST)
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Haldwani Encroachment: सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में होनी है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: Haldwani Encroachment: बनभूलपुरा में रेलवे की 78 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण का मामला फिर सुर्खियों में आने वाला है। इस मामले में अगली सुनवाई सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। हाईकोर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है।

अतिक्रमणकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि वह जिस भूमि पर बसे हैं। वह भूमि सालों पहले सरकार से पट्टे के रूप में मिली है। सभी पहलुओं को जानने के लिए प्रशासन, रेलवे, पुलिस मिलकर रविवार से दोबारा सीमांकन करने के लिए पहुंचे। नए सीमांकन से बनभूलपुरा में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण का सटीक आंकलन होगा।

रेलवे, नगर निगम व राजस्व विभाग संयुक्त रूप से करेंगे सीमांकन

इसके लिए शनिवार को डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में अधिकारियों व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि 29 जनवरी से रेलवे, नगर निगम व राजस्व विभाग के अधिकारियों संयुक्त रूप से सीमांकन करेंगे।

डीएम कैंप कार्यालय में डेढ़ घंटे तक चली बैठक में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ मंथन किया। स्थानीय नेताओं ने अपना पक्ष भी रखा। चर्चा में नजूल भूमि, फ्री होल्ड, राजस्व, शत्रु संपत्ति से लेकर वन भूमि का मुद्दा भी उठा। इसी जगह पर नजूल भूमि में कहीं सड़क तो कहीं अन्य सरकारी उपयोग की भूमि भी है।

स्थानीय नेताओं ने पिछली बार की रेलवे की मैपिंग पर भी सवाल उठाए। रेलवे ने पहले 29 एकड़ व बाद में 78 एकड़ भूमि होने का दावा किया था। अब बताया जा रहा है कि रेलवे की करीब 59 हेक्टेयर भूमि है।

इन तमाम शंकाओं को दूर करने के लिए 29 जनवरी से जिला प्रशासन की निगरानी में राजस्व विभाग, रेलवे विभाग व नगर निगम संयुक्त रूप से सर्वें कर सीमांकन कर रहा है। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे। बताया जा रहा है कि राजस्व विभाग की ओर से पहली बार सर्वें हो रहा है।

अब पता चलेगा सरकारी भवन सही बने थे या गलत

तीनों विभागों के संयुक्त सर्वें से अब पता चलेगा कि मंदिर, मस्जिद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, इंटर कालेज, पानी की टंकी आदि सरकारी भवन रेलवे की भूमि में बने हैं या फिर राजस्व व नजूल की भूमि पर।

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