हल्द्वानी में बरसात के बाद 22 मीटर बढ़ा भूजल स्तर, प्रशासन ने ली राहत की सांस
हल्द्वानी में बरसात के बाद भूजल स्तर में 22 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। पेयजल निगम द्वारा नलकूपों में लगाए गए सेंसर के माध्यम से भूजल स्तर की निगरानी की जा रही है। गर्मियों में 177 मीटर नीचे गया भूजल स्तर अब 155 मीटर हो गया है। इस तकनीक से भूजल स्तर की रीयल-टाइम जानकारी मिल रही है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। हल्द्वानी का भूजल स्तर नापने के लिए तल्ली हल्द्वानी, कुसुमखेड़ा, गौजाजाली आदि क्षेत्रों में कुल नौ ट्यूबवेल में सेंसर लग गए हैं। इसके माध्यम से पेयजल निगम भूजल स्तर की निगरानी कर रहा है। गर्मियों में जहां हल्द्वानी का भूजल 177 मीटर नीचे था तो वहीं अब 155 मीटर हो गया है। यानी बरसात के बाद हल्द्वानी का भूजल स्तर 22 मीटर ऊपर देखने को मिला है।
पेयजल निगम विश्व बैंक परियोजना के माध्यम से नलकूपों की निगरानी अब आनलाइन की जा रही है। स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूशन) सिस्टम के माध्यम से कार्यालय में बैठकर ही कर्मचारियों को नलकूपों के चलने का समय, पानी के प्रेशर की जानकारी, नलकूपों के बंद होने की जानकारी का पता चल रहा है। वहीं दूसरी ओर नलकूपों के नीचे गहराई में जल स्तर नापने के लिए सेंसर सिस्टम लगा दिया गया है।
शुरूआत के समय में एक या दो नलकूपों में ही सेंसर लगाए गए। लेकिन बाद में पेयजल निगम की ओर से सभी नलकूपों में सेंसर लगा दिए हैं। इंजीनियरों की मानें तो नलकूपों के नीचे सेंसर लगने से हल्द्वानी में हर दिन के भूजल स्तर की निगरानी की जा रही है। इससे जब चाहें तब हल्द्वानी के भूजल स्तर का रिकार्ड ले सकते हैं।
नलकूप के नीचे अगर भूजल स्तर कम हुआ तो इसकी जानकारी भी कर्मचारियों को कंप्यूटर सिस्टम में मिल जाएगी। ताकि वह उपभोक्ताओं के घर पानी पहुंचाने के लिए तीव्र गति से योजना बना सकें। पानी का जल स्तर नीचे ऊपर होने की हर जानकारी कर्मचारी कंप्यूटर सिस्टम में देख रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।नलकूपों में सेंसर लगने से इससे हल्द्वानी के भूजल स्तर की असल स्थिति का पता चल रहा है। गर्मियों में जहां भूजल स्तर में गिरावट देखने को मिली तो वहीं सर्दियों में भूजल नापने पर 22 मीटर ऊपर देखने को मिला है। - ज्योति पालनी, अधिशासी अभियंता, विश्व बैंक परियोजना इकाई पेयजल निगम।